काठमांडू। नेपाल सरकार ने सोशल नेटवर्क Tik Tok पर प्रतिबंध लगा दिया है। नेपालियों के बीच लोकप्रिय हो रहे टिकटॉक के कारण साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ने के कारण इस पर प्रतिबंध लगा दिया। टिकटॉक पर सामाजिक सद्भाव और व्यक्तिगत नफरत फैलाने के साधन के रुप का आरोप लगा है।
पिछले हफ्ते गृह मंत्रालय ने साइबर ब्यूरो, गृह मंत्रालय और Tik Tok के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के बीच इसके नियमन पर चर्चा की थी। चर्चा के बाद प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल ने सत्तारूढ़ और प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के साथ सोशल मीडिया विनियमन पर चर्चा की। चर्चा में मुख्य दल कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा से लेकर मुख्य विपक्षी दल के नेता केपी शर्मा ओली ने बैठक में टिकटॉक द्वारा लाई गई विकृतियों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के उपयोग पर दिशा निर्देश जारी करने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से बैठक की। उस बैठक में सभी दलों के नेताओं से यह आम सहमति मिलने के बाद कि किसी न किसी तरह से विकृतियां फैला रहे मीडिया को नियंत्रित करने की जरूरत है। सरकार ने सोमवार की बैठक से टिकटॉक को बंद करने का फैसला किया।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार साल, तीन महीने के भीतर नेपाल पुलिस के पास 1648 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से ज्यादातर टिकटॉक से संबंधित हैं।
भारत में यह पहले से प्रतिबंधित है, उस के बाद भी यह एप भारत सरकार के लिए सुरक्षा को लेकर सिरदर्द बना हुआ था, क्योंकि भारत-नेपाल की सीमा पर भारत में कुछ किलोमीटर तक भारतीय मोबाइल नेटवर्क कमजोर के कारण लाखों लोग नेपाली सिम सहित टिकटॉक का उपयोग करते थे।