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राम मंदिर निर्माण स्थल पर 2000 फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल, वजह हैरान कर देगी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य रामेश्वर चौपाल ने कहा है कि रामजन्मभूमि के इतिहास को सिद्ध करने के लिए जितनी लंबी लड़ाई कोर्ट में लड़नी पड़ी है, उससे यह बात सामने आई है कि अब जो मंदिर बनवाएंगे, उसमें एक ‘टाइम कैप्सूल’ बनाकर के 2000 फीट नीचे डाला जाएगा।

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भविष्य में जब कोई भी इतिहास देखना चाहेगा तो रामजन्मभूमि के संघर्ष के इतिहास के साथ तथ्य भी निकल कर आएगा ताकि कोई भी विवाद यहां उत्पन्न न हो सके।

मंदिर के नींव का प्लेटफार्म तैयार करने में एल एंड टी कंपनी को 3 महीने या इससे कम समय लग सकता है। उसके बाद ही पत्थरों का काम शुरू होगा। मंदिर निर्माण की तकनीकी जानकारी देते हुए मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा ने बताया कि उनकी तरफ से पूरी तैयारी है। जैसे ही मंदिर के नींव का प्लेटफार्म तैयार हो जाएगा उनका काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि अयोध्या की मंदिर कार्यशाला में जो पत्थर तराश कर रखे गए हैं उनका पहले उपयोग होगा।

राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी समुदायों से लिया जाएगा दान

बताया गया कि भूतल के पूरे पत्थर लगभग तराश कर रखे गए हैं। उसके अलावा प्रथम तल के पत्थरों को तराशने का जो काम बाकी है। उसके लिए भी पत्थरों को राजस्थान से मंगवा कर तराशना पड़ेगा। मंदिर प्लान में जो एक्सटेंशन किया गया है उसके लिए भी और पत्थर लगेंगे। इसलिए मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने में साढ़े तीन साल लग सकते हैं। पत्थरों को तेजी तराशने के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी।

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161 फीट होगी राम मंदिर की ऊंचाई

निखिल सोमपुरा के मुताबिक पीएम मोदी के कार्यक्रम के बाद मंदिर की नींव की खुदाई करने के लिए एल एंड टी बड़ी बड़ी मशीनें लग जाएगी। कंपनी ने तेजी से काम शुरू करने की तैयारी कर ली है।

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