तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की मांग की है। बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में गरतिरोध की स्थिति बनी हुई है। टीएमएसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने संसद में विभिन्न विपक्षी दलों को धक्का देने का तीन मिनट का वीडियो पोस्ट किया, जिसका शीर्षक था “मिस्टर मोदी, आइए हमारी बात सुनिए”।
वहीं राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा है कि सरकार संसद में पेगासस गतिरोध पर वार्ता के रास्ते बंद कर रही है और मुद्दे के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद के व्यर्थ गए समय के बदले मानसून सत्र का विस्तार किया जाना चाहिए।
पीटीआई को दिए साक्षात्कार में झा ने इस बात के लिए भी सरकार की आलोचना की कि वह बार-बार जोर देकर यह कह रही है कि विपक्षी दलों के साथ संवाद कायम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं होता कि आप जेब में हाथ डालकर, चेहरे पर कठोर भाव बनाकर कहें कि हमारे पास देने को बस यही है, कुछ और नहीं।
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कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम बीते 14 दिनों चर्चा की मांग कर रहे हैं। आप इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं। अब आप उस बिल को पारित कर रहे हैं। अगर आप में हिम्मत है तो सदन में चर्चा शुरू कीजिए।’वैश्विक मीडिया संघ की ओर पेगासस स्पाइवेयर के अवैध उपयोग के बारे में रिपोर्ट किए जाने के एक दिन बाद, 19 जुलाई से मानसून सत्र बाधित हो गया था तब से गतिरोध की स्थिति भी बनी हुई है।
संसद में बार-बार हंगामे और स्थगन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हैं। पिछले दिनों भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने इसको लेकर विपक्ष पर तंज कसा था। पीएम मोदी ने कहा था कि ना तो विपक्ष चर्चा में हिस्सा लेता है और नहीं संसद चलने देता है। विपक्ष का यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम मोदी ने संसदीय दल की बैठक में भाजपा सांसदों से कहा, “दोनों सदनों में विपक्ष के कृत्यों से संसद का अपमान किया जा रहा है। नाम लिए बगैर पीएम ने टीएमएसी के निलंबित सांसद शांतनु सेन के बारे में कहा कि जिस व्यक्ति ने कागज छीन लिया और उसे फाड़ दिया, उसे अपने कृत्यों का पछतावा नहीं है।