नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं। शुक्रवार को टीएमसी के राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी में मुझे घुटन महसूस हो रही थी।
Grateful to my party that they've sent me here. I'm feeling suffocated that we're not able to do anything over violence in the state. My soul tells me that if you can't do anything sitting here, then you must resign. I will continue to work for people of WB: TMC MP Dinesh Trivedi pic.twitter.com/E9kho7d4UX
— ANI (@ANI) February 12, 2021
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बजट सत्र के पहले हिस्से के आखिरी दिन आज राज्यसभा में बड़ी राजनीतिक घटना हुई है। राज्यसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि घुटन महसूस हो रही है। देश हित से ऊपर कुछ नहीं है। पार्टी हित और देश हित में से एक (देश हित) को चुनने का वक्त आ गया है। यह कहते हुए उन्होंने सांसद पद छोड़ने की घोषणा कर दी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले यह ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस्तीफे के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि वह बीजेपी का दामन सकते हैँ।
अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा कि हर मनुष्य के जीवन में एक घड़ी आती है, जब उसको उसकी अंतरआत्मा की आवाज सुनाई देती है। मेरे जीवन में भी ऐसी ही घड़ी आई थी। देश बड़ा है या पक्ष बड़ा है। आज जब देखते हैं कि जब देश की क्या परिस्थिति है। पूरी दुनिया भारत के तरफ देख रही है।
दिनेश त्रिवोदी ने राज्यसभा में कहा कि जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है। मुझे बैठा-बैठा लगता है कि मैं करूं क्या? हसल में हम जन्मभूमि के लिए ही हैं। एक पार्टी में हैं तो उसका अनुशासन है। मुझे घुटन महसूस होती है कि मैं कुछ कर नहीं पा रहा हूं। आज मुझे आत्मा यह कह रही है कि यहां बैठ-बैठे अगर आप चुपचाप रहो और कुछ नहीं कर सकते हो तो इस्तीफा दो। मैं यहां से आज इस्तीफा दे रहा हूं।
दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु एस रॉय ने कहा कि तृणमूल का मतलब है जमीनी स्तर। इससे हमें राज्यसभा में जल्द ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को भेजने का अवसर मिलेगा।’ वहीं, टीएमसी के ही एक सांसद सौगत राय ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से हम दुखी हैं। उन्होंने फैसला करने से पहले मुझसे बात नहीं की। हमें नहीं पता कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया?
आपको बता दें कि इससे पहले शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी जैसे मंत्रियों ने बंगाल में ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे की घोषणा भी ममता के लिए बड़ा झटका है।
दिनेश त्रिवेदी यूपीए सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं। पिछले साल अप्रैल महीने में उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण की थी। त्रिवेदी ने 1980 में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी। इसके बाद उन्होंने 1990 में जनता दल का दामन थाम लिया था। 1998 में जब ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस का गठन की तो त्रिवेदी भी उनके साथ खड़े थे।