कोलकाता। पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए आज प्रचार का अंतिम दिन है। इस सीट पर आज तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों ने अपनी अंतिम ताकत झोंक दी है। विधानसभा क्षेत्र में ममता बनर्जी अपने समर्थकों के साथ गली-गली में प्रचार के लिए जाएंगी तो वहीं बीजेपी के 80 नेता 80 जगहों पर पार्टी के उम्मीदवार प्रियंका टिबरीवाल के लिए प्रचार करने मैदान में उतरेंगे। बीजेपी की ओर से पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, राज्य बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष, और पार्टी के नेता देबाश्री चौधरी भी चुनावी मैदान में उतरेंगे।
30 को होगा उपचुनाव के लिए मतदान
वहीं अर्जुन सिंह और स्वप्न दासगुप्ता उन लोगों में शामिल हैं जो पार्टी के अभियानों में हिस्सा लेंगे। यहां 30 सितंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा। इस सीट से सीएम ममता साल 2011 और साल 2016 में चुनाव जीत चुकी हैं। भवानीपुर सीट ममता बनर्जी का पुराना रहा है।
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नंदीग्राम सीट से हार गई थीं दीदी
बता दें कि, इस साल अप्रैल-मई के विधानसभा चुनावों में टीएमसी प्रमुख ममता नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के लिए अपनी पारंपरिक सी भबनीपुर को छोड़ दी थी। जिसके बाद उन्हें नंदीग्राम से हार का सामना करना पड़ा था। सीएम ममता को सुवेंदु अधिकारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। सुवेंदु अधिकारी पहले टीएमसी में रहते हुए ममता बनर्जी के लिए काम कर चुके थे।
दीदी को 6 महीने में जीतकर पहुंचना होगा विधानसभा
चुनाव में हार के बाद भी ममता बनर्जी ने सीएम पद की शपथ ली। नियम के मुताबिक, अगर कोई ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है जो किसी सदन का सदस्य न हो तो ऐसे में उसे 6 महीने के अंदर जीतकर विधानसभा पहुंचना होता है नहीं तो मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ता है। सीएम पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी को 5 नवंबर तक विधानसभा के किसी एक सीट पर जीत दर्ज करनी होगी। क्योंकि संविधान राज्य विधानमंडल या संसद के गैर-सदस्य को केवल छह महीने के लिए चुने बिना मंत्री पद पर बने रहने की अनुमति देता है।