मनीष हत्याकांड और मॉडल शॉप जैसी घटनाओं से पुलिस ने सबक लिया है। अब अपराध व अपराधियों की नकेल कसने को तेज-तर्रार इंस्पेक्टर्स के हाथों में कमान सौंपी जाएगी। जोन के बलरामपुर, गोंडा, बहराइच और सिद्धार्थनगर जिलों से 10 इंस्पेक्टर्स को गोरखपुर बुलाया गया है। अब अपराध रोकने में इनके अनुभवों की मदद ली जाएगी। एडीजी जोन अखिल कुमार ने इस बावत आदेश जारी किया है।
देश के कोने-कोने में धूमिल हुई गोरखपुर पुलिस की छवि अब सुधारने की कोशिश हो रही है। 28 सितंबर की एक और 30 सितम्बर को हुई दो घटनाओं ने गोरखपुर पुुुलिस की छवि दागदार कर दी है। इसे साफ करने में वर्षों का वक्त लग सकता है। लेकिन एडीजी जोन अखिल कुमार ने इसे साफ करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है।
यदि यही संवेदनशीलता पुलिस ने शुरू से दिखाई होती तो आज गोरखपुर पुलिस को मनीष गुप्ता और मॉडल शॉप के वेटर जैसी हत्या के अलावा खोराबार में गोली चलाने जैसी घटनाएं शायद नहीं हुई होतीं। हो रही किरकिरी से भी बचा जा सकता था।
इन्हें बुलाया गया गोरखपुर
धूमिल हो चुकी अपनी छवि को साफ करने के लिए गोरखपुर पुलिस ने जोन के अन्य जनपदों में तैनात तेज-तर्रार इंस्पेक्टरों को बुलाया है। इनमें सिद्धार्थनगर से निरीक्षक रणधीर कुमार मिश्रा, राजेंद्र बहादुर सिंह, बहराइच से निरीक्षक मधुप कुमार मिश्र, संजय कुमार सिंह, गोंडा से निरीक्षक श्याम बहादुर सिंह, बलरामपुर से निरीक्षक कमलेश कुमार, विवेक मलिक, मानवेंद्र पाठक, चंद्रहास और उमेश कुमार बाजपेयी शामिल हैं। ज्ञातव्य हो कि जोन के गोंडा जिले से सर्वाधिक पांच इंस्पेक्टर्स को गोरखपुर में तैनाती दी गई है।
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घटनाओं को रोकने में टीम का बहुत महत्व होता है। अपराध और अपराधियों को अंकुश में रखने को पुलिस लगातार कार्य कर रही है। तेज-तर्रार, ईमानदार और अनुभवी इंस्पेक्टर्स की अगुवाई में इन्हें अंकुश करना आसान हो सकता है।