हर कोई चाहता है कि उस पर कभी भी कर्ज का बोझ न रहे। लेकिन कई बार व्यक्ति थोड़ा-थोड़ा करके बड़े कर्ज से घिर जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग लंबे समय से कर्ज से परेशान हैं, तो उन्हें कर्ज मुक्ति के लिए ऋणमोचक मंगल स्तोत्र (Rinmochan Mangal Stotra) का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि कर्ज मुक्ति के लिए इस मंगल स्तोत्र का विधिपूर्वक पाठ करना लाभकारी माना जाता है। इतना ही नहीं, धन की आवक भी शुरू हो जाती है।
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rinmochan Mangal Stotra) के फायदे
ऋण मोचन मंगल स्तोत्र (Rinmochan Mangal Stotra) का पाठ करने से समस्याओं से छुटकारा मिलता है और दरिद्रता खत्म होती है। साथ ही कर्ज की समस्या से भी राहत मिलती है। शारीरिक और मानसिक कष्ट से इस स्तोत्र का पाठ मुक्ति दिलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो इस स्तोत्र का पाठ करने से आपको मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
ऋणमोचक मंगल स्तोत्र (Rinmochan Mangal Stotra)
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥1॥
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥2॥
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥3॥
एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्॥4॥
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥5॥
स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्॥6॥
अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय॥7॥
ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा॥ 8 ||
अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्॥9॥
विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः॥10॥
पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥11॥
एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा॥12॥