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पितृ दोष दूर करने के लिए सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये उपाय

Pitra Dosh

Pitra Dosh

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कई तरह के दोष होते हैं जिनकी वजह से जीवन में परेशानियां आने लगती है। उन्हीं दोषों में से एक है पितृ दोष (Pitra Dosh) । पितृ दोष की वजह से कई तरह की परेशानियां होने लगती है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ दोष लग जाता है।

सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु या शनि के साथ युति होने पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके साथ ही लग्नेश का छठे, आठवें, बारहवें भाव में होने और लग्न में राहु के होने पर भी पितृ दोष (Pitra Dosh) लगता है। पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है।

पितृ दोष (Pitra Dosh) दूर करने का उपाय

इस दोष (Pitra Dosh) से मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। शास्त्रों में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या का महत्व पितर संबधित कार्यों के लिए विशेष माना गया है। पितरों का इस अमावस्या में श्राद्ध किये जाने पर इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है।

पितरों की तिथि याद न होने पर सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। यह मोक्षदायिनी अमावस्या 2 अक्टूबर, 2024 को है।

मान्यता है कि अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या को पितृ अपने धाम लौट जाते हैं। पितृ परिवार की खुशहाली देखकर प्रसन्न होते हैं। पितृ पक्ष में खुश रहकर दान-पुण्य करना चाहिए। सर्वपितृ अमावस्या के दिन गाय को भोजन भी अवश्य कराएं। इस बात का ध्यान रखें कि आपको गाय को सात्विक भोजन ही करवाना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय को भोजन कराने से पितृ दोष (Pitra Dosh) दूर हो जाता है।

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