लखनऊ। यूपी विधानसभा (UP Vidhan Sabha) में आज केवल महिला सदस्यों की आवाज गूंजेगी। केवल महिला विधायक अपना विषय रखेंगी। 22 सितबंर यानी आज का दिन महिला विधायकों के लिए तय किया गया है। आज पुरुष विधायक सिर्फ सुनेंगे। 19 सितंबर से विधानसभा (UP Vidhan Sabha) का मानसून सत्र (Monsoon Session) चल रहा है। विधानसभा की 47 और विधान परिषद की 6 महिला सदस्य अपनी बात रखेंगी।
भारतीय राजनीति का ऐतिहासिक क्षण
फर्रुखाबाद के कामयगंज से अपना दल (एस) की विधायक डॉक्टर सुरभि बेहद उत्साहित हैं। विधानसभा की कैंटीन में लंच कर रहीं थीं। जैसे ही उनसे यूपी विधानसभा में ‘एक दिन महिलाओं के लिए आरक्षित’ पर बात शुरू हुई। वह कहने लगीं, “लगता है आप मीडिया वाले आज लंच भी नहीं करने देंगे।” यब कहते हुए भी उनके चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही थी।
जब सवाल विधानसभा में एक दिन महिलाओं पर पूछा गया, तो डॉक्टर सुरभि ने इसे भारतीय राजनीति का ऐतिहासिक क्षण बताया। यह खुशी सिर्फ डॉक्टर सुरभि चेहरे पर नहीं थी। उन्होंने कहा, “यूपी ही नहीं पूरी देश की नजरें यूपी की विधानसभा पर होंगी। हम इसके हिस्सेदार होंगे, इस बात का हमें गर्व है। महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के मुद्दों के साथ ही अपने क्षेत्र की बात करेंगे।”
अपने संकोच से बाहर निकलने में मदद मिलेगी
असमोली सपा विधायक पिंकी यादव ने कहा, “महिला विधायकों को विधानसभा के हर सत्र में बोलने का मौका देकर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ये केवल एक दिन के लिए क्यों किया जा रहा है? चुनावी मंच और विधानसभा के सत्र में बोलना दो अलग-अलग बातें हैं। स्पीकर का कहना था कि सभी महिला विधायकों को बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, यानी ऐसी कोई महिला नहीं होगी जो नहीं बोलेगी। ये एक सेल्फ ग्रूमिंग होगी, क्योंकि उन्हें अपने संकोच से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।”
“मैं ही गंगा, मैं ही जमुना मैं ही चंबल का पानी हूं।
मैं ही दुर्गा, मैं ही लक्ष्मी, मैं ही शक्ति समानी हूं।
मैं ही मीरा का एक तारा हूँ, मैं झांसी वाली रानी हूं, मैं ही हिंदुस्तानी हूं।।”
आधी आबादी की बात यूपी के सदन से देश तक पहुंचेगी
ये लाइन भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कही। बहराइच की विधायक अनुपमा जयसवाल ने कहा, “ये लाइनें महिलाओं के लिए विशेष सत्र के महत्व, उपयोगिता और कारण को अपने आप जाहिर कर रही हैं। सदन की 47 महिला विधायक की न्यूनतम 3 मिनट और अधिकतम 8 मिनट का समय बोलने के लिए रखा है। इस दौरान हम सब सरकार की मिशन शक्ति की बात करेंगे। अपने मन की बात करेंगे। यहां से महिला की आवाज, महिला के लिए आधी आबादी की बात, यूपी के सदन से देश तक जाएगी।”
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कुछ दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में शामिल महिला विधायकों ने कहा था कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता है। इसके बाद इस सत्र में एक दिन महिलाओं के लिए तय करने का फैसला किया गया। सर्वदलीय बैठक में स्पीकर ने अपनी मंशा सभी दलों के नेताओं के सामने रखी। इसके बाद इस पर चर्चा हुई। फिर सभी दलों ने मुहर लगा दी। सभी की सहमति से यह तय हुआ कि 22 सितंबर को सदन में केवल महिला विधायक ही बोलेंगी।