भगवन श्री गणेश के अवतरण-दिवस को गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है. हिन्दु पंचाग के अनुसार, गणेश जयंती माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. गणेश जयंती पर गणपति बप्पा की पूजा की जाती है. ऐसा करने से पूरे साल उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस साल गणेश जयंती 15 फरवरी यानी कल मनाई जाएगी.
गणेश जयंती पूजा शुभ मुहूर्त
गणेश जयंती- 15, फरवरी 2021 (सोमवार)
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ- 15, फरवरी 2021, देर रात 01:58 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 16, फरवरी 2021, देर रात 03:36 बजे
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय- सुबह 09:14 बजे से रात 09:32 बजे तक
गणेश जयंती का महत्व
गणेश जयंती को माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी भी कहा जाता है. इस व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. माघ महीने की गणेश जयंती का व्रत करने से भगवान गणेश भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. दक्षिण भारतीय मान्यता के अनुसार इस दिन श्रीगणेश का जन्मदिवस है. इस तिथि पर की गई गणेश पूजा अत्याधिक लाभ देने वाली होती है. अग्निपुराण में भी भाग्य और मोक्ष प्राप्ति के लिए तिलकुंड चतुर्थी के व्रत का विधान बताया गया है.
विनायक चतुर्थी की व्रत कथा
एक दिन भगवान भोलेनाथ स्नान करने के लिए कैलाश पर्वत से भोगवती गए. महादेव के प्रस्थान करने के बाद मां पार्वती ने स्नान प्रारंभ किया और घर में स्नान करते हुए अपने मैल से एक पुतला बनाकर और उस पुतले में जान डालकर उसको सजीव किया गया. पुतले में जान आने के बाद देवी पार्वती ने पुतले का नाम गणेश रखा. पार्वती जी ने बालक गणेश को स्नान करते जाते वक्त मुख्य द्वार पर पहरा देने के लिए कहा. माता पार्वती ने कहा कि जब तक में स्नान करके न आ जाऊं किसी को भी अंदर नहीं आने देना.
भोगवती में स्नान कर जब भगवान शिव अंदर आने लगे तो बाल स्वरूप गणेश ने उनको द्वार पर रोक दिया. भगवान शिव के लाख कोशिश के बाद भी गणेश ने उनको अंदर नहीं जाने दिया. गणेश द्वारा रोकने को उन्होंने अपना अपमान समझा और बालक गणेश का सर धड़ से अलग कर वो घर के अंदर चले गए. शिवजी जब घर के अंदर गए तो वह बहुत क्रोधित अवस्था में थे. ऐसे में देवी पार्वती ने सोचा कि भोजन में देरी की वजह से वो नाराज हैं, इसलिए उन्होंने दो थालियों में भोजन परोसकर उनसे भोजन करने का निवेदन किया.