धर्म डेस्क। इंदिरा एकादशी व्रत 13 सितंबर को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इंदिरा एकादशी व्रत आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है। शास्त्रों में पितृ पक्ष के दौरान आने वाली इस एकादशी को पितरों को मोक्ष दिलाने वाली माना गया है।
कहते हैं जो जातक यह व्रत अपने पितरों के निमित्त सच्ची श्रद्धा के साथ करता है उनके पितरों को फलस्वरूप मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर कोई पितर भूलवश अपने पाप के कर्मों के कारण यमराज के दंड का भागी रहता है तो उसके परिजनों के द्वारा यह एकादशी व्रत जरूर करना चाहिए।
इंदिरा एकादशी की शाम तुलसी के सामने गाय के घी का दीपक लगाए और ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और घर में किसी भी तरह का संकट नहीं आता है।
एकादशी पर भगवान विष्णु की पीले रंग के फूलों से पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। पीले रंग के पुष्प जगत के पालनहार विष्णु जी को बेहद ही प्रिय होते हैं।
इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना चाहिए। खीर में तुलसी के पत्ते डाल कर भोग लगाएं। इससे घर में शांति बनी रहती है। परिजनों के बीच भाईचारा बना रहता है।
एकादशी पर पीले रंग के फल, कपड़े व अनाज भगवान विष्णु को अर्पित करें। बाद में ये सभी चीजें गरीबों को दान कर देनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
एकादशी पर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। पीपल में भगवान विष्णु का वास मन जाता है। इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।