क्रिकेट इतिहास में आज का दिन है। 18 साल पहले 13जून, 2003 को क्रिकेट के तीसरे फॉर्मेट यानी टी20 क्रिकेट का आगाज हुआ था। कुछ सालों के भीतर ही टी20 क्रिकेट ने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर ली है। टी20 क्रिकेट की शुरुआत के चार साल बाद ही पहली बार विश्व कप का आयोजन हुआ और धीरे-धीरे क्रिकेट खेलने वाले आधा दर्जन से ज्यादा देशों में टी20 लीग की शुरुआत हो गई। भारत में भी 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग के जरिए टी20 लीग का धमाकेदार आगाज हुआ। टी20 क्रिकेट के अस्तित्व में आने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, साल 2000 के बाद इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता कम हो रही थी। प्रायोजक धीरे-धीरे कम हो रहे थे। दर्शकों की रुचि भी घट रही थी। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ये नहीं समझ पा रहा था कि कैसे इस हालात से उबरें। तब बोर्ड के मार्केटिंग मैनेजर स्टुअर्ट रॉबर्टसन ने एक शानदार आइडिया लेकर आए। उन्होंने 2001 में क्रिकेट को और रोमांचक और दर्शकों को इस खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए काउंटी क्रिकेट के चेयरमैन को फॉर्मेट में बदलाव का सुझाव दिया।
रॉबर्टसन ने टेस्ट, वनडे से अलग एक बीस ओवर फॉर्मेट की वकालत की। काउंटी क्रिकेट चेयरमैन को उनका ये आइडिया पसंद आ गया और 2003 में इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इंटर-काउंटी क्रिकेट चैम्पियनशिप के जरिए टी20 क्रिकेट का आगाज किया। पहला मैच 13 जून, 2003 को साउथम्प्टन के रोज बाउल मैदान में हैंपशर और ससेक्स के बीच खेला गया। मैच में हैंपशर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 19.4 ओवर में 153 रन बनाए। जवाब में ससेक्स की पूरी टीम निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 147 रन ही बना सकी और मेजबान हैंपशर ये मुकाबला 5 रन से जीत गया।
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अंतरराष्ट्रीय टी20 में पोंटिंग के नाम पहली फिफ्टीएक साल बाद यानी 2004 में पहला अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच खेला गया। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की महिला टीम के बीच 5 अगस्त 2004 को हुए इस मुकाबले को कीवी टीम ने 9 रन से जीता। पुरुषों की टीम के बीच पहला अंतरराष्ट्रीय टी20 17 फरवरी 2005 को खेला गया। तब रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ऑकलैंड के ईडन पार्क में हुए मैच में न्यूजीलैंड को 44 रन से शिकस्त दी थी। इस मैच में पोंटिंग ने नाबाद 98 रन बनाए थे।