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आज है सावन का पहला प्रदोश व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Shukra Pradosh

Shukra Pradosh

सावन का पहला प्रदोष व्रत 5 अगस्त को यानी आज है। शास्त्रों में बताया गया है कि जब शनिवार को प्रदोष व्रत पड़ता है तब इस शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा का महत्व है। कथाओं के अनुसार, प्रदोष तिथि के दिन ही भगवान शिव ने सृष्टि की उत्पत्ति की थी और इसी दिन सृष्टि का विलय भी करेंगे।

इस दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की पूजा करने से कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं शनि प्रदोष के दिन कौन से उपाय करने चाहिए…

प्रदोष व्रत करते समय इन बातों का रखें ख्याल:

>>त्रयोदशी के दिन प्रात:काल सूर्य उदय से पहने उठना चाहिए।

>> सभी कामों से निवृत होकर भोलेनाथ को याद करें।

>> ध्यान रहे कि इस व्रत में खाना नहीं खाया जाता है।

>> पूरा दिन व्रत करें और सूर्यास्त से एक घंटा पहले स्नान करें। इसके बाद श्वेत वस्त्र धारण करें।

>> जहां पूजा करनी है उस स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। फिर गाय के गोबर से मंडप तैयार करें।

>> 5 रंगों का इस्तेमाल कर मंडप पर रंगोली बनाएं।

>> इस व्रत के लिए कुशा का आसान इस्तेमाल किया जाता है।

>> भगवान शंकर की आराधना उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख कर ही करनी चाहिए।

>> ऊँ नम: शिवाय का जाप करते हुए भोलेनाथ को जल चढ़ाए।

>> त्रयोदशी तिथि को ही प्रदोष व्रत का उद्यापन करें।

श्रावण प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि प्रारंभ – 5 अगस्त 2021, को शाम 05 बजकर 09 मिनट

त्रयोदशी तिथि समाप्त – 6 अगस्त 2021, को शाम 06 बजकर 28 मिनट तक

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