आज साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण है. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है जिसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को ढक लेगा. ऐसे में केवल सूर्य की बाहरी परत ही दिखाई देगी. ग्रहण में सूर्य के लगभग 94 फीसदी भाग को चंद्रमा ग्रास लेगा यानी कि ग्रहण लगा देगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा छा जाएगा. इस बार सूर्य ग्रहण कोरोना काल में पड़ रहा है. भारत में ये ग्रहण आंशिक रूप से ही होगा. इसलिए ग्रहण काल मान्य नहीं होगा. अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में भी आंशिक ग्रहण ही होगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में होगा.
सूर्य ग्रहण का समय
साल का पहला सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर शाम के 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. इस बार भारत में ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है.
सूर्य ग्रहण को लेकर मान्यताएं
-मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इस दौरान लोग घरों में ही रहना सही समझते हैं. वहीं कुछ लोगों के अनुसार इसे देखने के बाद स्नान जरूर कर लेना चाहिए.
-मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दिन किसी पेड़ से पत्ते, फूल और लकड़ी नहीं तोड़नी चाहिए. इसके अलावा बाल और कपड़े भी नहीं धोने चाहिए.
-सूर्य ग्रहण को लेकर मान्यता यह भी है कि ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया काम शुरू करने से बचना चाहिए.
-मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय अगर दूसरे व्यक्ति का अन्न खा लिया जाए, तो इससे 12 वर्षों का इकट्ठा किया हुआ सारा पुण्य नष्ट हो जाता है. वहीं यह भी कहा जाता है कि इस समय गुरुमंत्र, ईष्टमंत्र या फिर भगवान के नाम का जप जरूर करना चाहिए.
-इसके अलावा एक मान्यता यह भी है कि सूर्य ग्रहण के समय ताला नहीं खोलना चाहिए. शरीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए और भोजन भी नहीं करना चाहिए. वहीं इस दौरान सोना भी नहीं चाहिए और मलमूत्र का त्याग करने से भी बचना चाहिए.
-हालांकि सूर्य ग्रहण के दौरान कई पुण्य काम करने को कहा गया है. इस समय अगर गाय को घास, पक्षियों को अन्न के साथ ही अगर जरूरतमंदों को वस्त्र का दान दिया जाए, तो इसका कई गुना पुण्य मिलता है.
-वहीं सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ज्यादा एहतियात बरतने के लिए कहा जाता है. यह भी कहा गया है कि सूर्य ग्रहण के दिन उपवास किया जाए, तो इसका अच्छा फल प्राप्त होता है. हालांकि मान्यता यह भी है कि किसी संतान वाले गृहस्थ व्यक्ति को सूर्य ग्रहण और संक्रांति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए.
– मान्यता यह भी है कि ग्रहण वेध की शुरुआत में तिल या कुशमिश्रित पानी के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए. इसके अलावा सूर्य ग्रहण शुरू होने से लेकर इसके अंत तक अन्न और जल भी नहीं लेना चाहिए.