• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

Muharram: आज याद की जाती है इमाम हुसैन की कुर्बानी, जानें रोज-ए-आशुरा की कहानी

Writer D by Writer D
29/07/2023
in धर्म, फैशन/शैली
0
Muharram

Muharram

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आज इस्लाम के पवित्र माह मुहर्रम (Muharram) की दसवीं तारीख है। आज के दिन को रोज-ए-आशुरा भी कहा जाता है। मुहर्रम की दसवीं तारीख को ही पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन क्रूर शासक यजीद से कर्बला की जंग में शहीद हो गए थे। इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए इस दिन मुस्लिम शिया समुदाय के लोग सड़कों पर मातम जुलूस और ताजिया निकालते हैं।

मुहर्रम (Muharram)का चांद दिखने के बाद शिया समुदाय के लोग पूरे महीने शोक मनाते हैं। इस दौरान वे लाल सुर्ख और चमक वाले कपड़ों से दूरी बना लेते हैं। मुहर्रम के पूरे महीने शिया मुस्लिम किसी तरह की कोई खुशी नहीं मनाते हैं और न ही शादियां होती हैं। शिया महिलाएं और लड़कियां भी सभी श्रृंगार की चीजों से दूरी बना लेती हैं।

कर्बला में क्रूर शासक से हुई थी इमाम हुसैन की जंग

इस्लामिक जानकारियों के अनुसार, करीब 1400 साल पहले कर्बला की जंग हुई थी। यह इस्लाम की सबसे बड़ी जंग में से एक है। इस जंग में इमाम हुसैन धर्म की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। कर्बला की यह जंग अत्याचारी शासक यजीद के खिलाफ थी।

दरअसल, यजीद इस्लाम धर्म को अपने अनुसार चलाना चाहता था। इसी वजह से यजीद ने पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को भी अपने फरमान का पालन करने के लिए कहा। यजीद ने फरमान दिया कि इमाम हुसैन और उनके सभी साथी यजीद को ही अपना खलीफा मानें। यजीद चाहता था कि इमाम हुसैन ने अगर किसी तरह उसे अपना खलीफा मान लिया तो वह आराम से इस्लाम मानने वालों पर राज कर सकता है।

11000 वोल्ट के झटके से ताजिया में ब्लास्ट, 4 की दर्दनाक मौत

हालांकि, पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को यह फरमान मंजूर नहीं था। इमाम हुसैन ने साफ तौर पर ऐसा करने से इनकार कर दिया। यजीद को इस बात पर काफी गुस्सा आया और उसने इमाम हुसैन व उनके साथियों पर जुल्म करने शुरू कर दिए।

मुहर्रम (Muharram) की 10 तारीख को कर्बला में यजीद की फौज ने हुसैन और उनके साथियों पर हमला कर दिया। यजीद की सेना काफी ताकतवर थी, जबकि हुसैन के काफिले में सिर्फ 72 लोग ही थे।

इमाम हुसैन धर्म की रक्षा करते हुए आखिरी सांस तक यजीद की सेना से लड़ते रहे। इस जंग में हुसैन के 18 साल के बेटे अली अकबर, 6 महीने के बेटे अली असगर और 7 साल के भतीजे कासिम का भी बेरहमी से कत्ल कर दिया गया।

Tags: islamislam monthMuharramMuharram 2023Roz-e-Ashura
Previous Post

दो बसों की आमने-सामने टक्कर, दो महिलाओं समेत 6 की मौत

Next Post

राजा भैया के पिता हाउस अरेस्ट, घर पर पुलिस का कड़ा पहरा

Writer D

Writer D

Related Posts

Gram Pulse
Main Slider

किचन में रखी ये चीज दूर करेगी आर्थिक तंगी, जानें उपाय

06/06/2025
House
Main Slider

नए घर में बनी रहेगी सुख-शांति, करें ये उपाय

06/06/2025
Dark Elbows
फैशन/शैली

काली कोहनी को दूर करेंगे ये घरेलू नुस्खे

06/06/2025
Color of Eyes
फैशन/शैली

आंखों की रोशनी करें तेज, डाइट में शामिल करें ये चीजें

06/06/2025
besan ka halwa
खाना-खजाना

इस तरीके से बनाएंगे ये हलवा, खाने के बाद हर कोई कहेगा वाह

06/06/2025
Next Post
Uday Pratap Singh

राजा भैया के पिता हाउस अरेस्ट, घर पर पुलिस का कड़ा पहरा

यह भी पढ़ें

पीएम मोदी

खराब अर्थव्यवस्था के बीच एक साल में 36 लाख बढ़ी PM मोदी की संपत्ति, जानिए कैसे

15/10/2020

पूर्व स्पिन गेंदबाज मोंटी पनेसर ने भी रोहित को कप्तानी सौंपने की मांग रखी 

27/06/2021
IT

ITऔर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 1.75 लाख करोड़ रुपए का निवेश

15/01/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version