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आज है विजया एकादशी, जानिए इसका महत्व और पूजन विधि

Vijaya ekadashi

Vijaya ekadashi

हिंदू धर्म में विजया एकादशी का व्रत सर्वोत्तम माना जाता है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार विजया एकादशी 9 मार्च को पड़ रही है। आइए जानते हैं विजया एकादशी का महत्व और पूजन विधि।

विजया एकादशी का महत्व

शास्त्रों के मुताबिक, इस व्रत के प्रभाव से मनुष्‍य को विजय प्राप्‍त होती है। इस व्रत को सभी व्रतों में उत्तम माना गया है। यह व्रत जीवन में सफलता पाने और मनोकामना को पूरा करने के लिए विशेष रूप से किया जाता है। इसे समस्त पापों का हरण करने वाली तिथि भी कहा जाता है। यह अपने नाम के अनुरूप फल भी देती है। विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से आराधना करने पर शत्रुओं की पराजय होती है।

विजया एकादशी पूजन-विधि

इस दिन सुबह उठकर स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें और व्रत का संकल्‍प लें।

इसके बाद घर के मंदिर में पूजा से पहले एक वेदी बनाकर उस पर सप्‍त धान (उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा) रखें।

अब वेदी के ऊपर एक कलश की स्‍थापना करें और उसमें आम या अशोक के पांच पत्ते लगाएं।

इसके बाद वेदी पर भगवान विष्‍णु की मूर्ति या तस्‍वीर रखें।

फिर भगवान विष्‍णु को पीले फूल, ऋतुफल और तुलसी दल समर्पित करें। साथ ही धूप-दीप से विष्‍णु की आरती उतारें।

विजया एकादशी पर रात्रि को भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।

अगले दिन सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथा-शक्ति दान-दक्षिणा दें ।

इसके बाद भोजन कर व्रत का पारण करें।

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