नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 1800 से अधिक स्कूलों में नर्सरी (Admission in Nursery) व पहली कक्षा के लिए सोमवार को दाखिले की दूसरी सूची जारी होगी। इसके लिए अभिभावक शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर पहुंच सूची देख सकते हैं। जिन अभिभावकों के बच्चों का नाम सूची में होगा, उन्हें कक्षा की फीस का भुगतान कर सीट को पक्का करना होगा। दूसरी सूची के तहत बच्चों को 22 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक दाखिला दिया जाएगा।
शिक्षा निदेशालय की ओर से बीती चार फरवरी को दाखिले की पहली सूची जारी की गई थी। इसके तहत 12 फरवरी तक दाखिला प्रक्रिया चली थी। अब बची हुई सीटों को लेकर सोमवार को दूसरी सूची जारी होनी है। ऐसे में इस सूची से उन अभिभावकों की उम्मीद ज्यादा है जिनके बच्चों को पहली सूची में दाखिला नहीं मिला था। यदि इसके बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं तो वरुभाग की ओर से तीसरी सूची को भी जारी किया जाएगा।
आज दिल्ली के स्कूलों के नर्सरी एडमिशन के लिए हो सकती है पहली लिस्ट जारी
16 मार्च से तीसरी सूची के लिए शुरू होंगे दाखिले
सीटें खाली रहने पर तीसरी सूची के लिए आगामी 16 मार्च से दाखिले शुरू किए जाएंगे। इसके लिए 31 मार्च तक दाखिला प्रक्रिया चलेगी। शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी का कहना है कि इस चरण के तहत केवल सीमित स्कूलों में ही दाखिले के अवसर रहेंगे।
नर्सरी की EWS की बची हुई सीटों के लिए आज से शुरू हुआ आवेदन
हालांकि, अभिभावकों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, विभाग की ओर से एक प्रतीक्षा सूची भी जारी की जाएगी। इस सूची में उन बच्चों का नाम शामिल होगा, जिन्हें हल्की कमियों की वजह से दाखिले के लिए कम अंक मिले हैं। ऐसे छात्रों के लिए प्रक्रिया के अंतिम चरण में दाखिले की संभावना बन सकती है।
जुड़वा बच्चों को हो रही एक ही स्कूल में दाखिले की परेशानी
नर्सरी दाखिले के दौरान ऐसे अभिभावकों को पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है जिनके जुड़वा बच्चे हैं। ऐसे कुछ अभिभावकों का आरोप है कि उनके दोनों बच्चों को एक ही स्कूल में दाखिल नहीं मिल रहा है। वहीं, अभिभावकों का यह भी आरोप है कि दूसरे बच्चे को सीट देने के लिए कुछ स्कूलों की ओर से डोनेशन की मांग की जा रही है।
नर्सरी एडमिशन में स्कूलों के दूरी तय करने के पैमाने से उलझे पैरेंट्स
इस पर नर्सरी डॉट कॉम प्रमुख सुमित वोहरा कहते हैं कि निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए कोई नियम नहीं है। केवल कुछ ही स्कूलों में जुड़वा बच्चों को दाखिला दिया जाता है। इस वजह से कई अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।