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स्वच्छ भारत के तहत बनने वाले शौचालय रोजगार का महत्वपूर्ण माध्यम भी हैं : योगी

सीएम योगी

सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि स्वच्छता के माध्यम से ही समाज को एक बेहतर दिशा दी जा सकती है और शौचालय नारी गरिमा व सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कार्य है, इसीलिए शौचालय को ‘इज्जतघर’ नाम दिया गया है।

श्री योगी ने आज यहां यह बात अपने सरकारी आवास पर आयोजित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान/वित्त आयोग, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) व मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत 7,053.45 करोड़ रुपये की कुल लागत के 18,847 सामुदायिक शौचालयों और 377 पंचायत भवनों का लोकार्पण तथा 35,058 सामुदायिक शौचालयों व 21,414 पंचायत भवनों का शिलान्यास के मौके पर कही। शिलान्यास और लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मानना है कि स्वच्छता के माध्यम से ही समाज को एक बेहतर दिशा दी जा सकती है। शौचालय नारी गरिमा व सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसीलिए शौचालय को ‘इज्जतघर’ नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की कीमत क्या हो सकती है, इसका महत्व पूर्वी उत्तर प्रदेश में हमें देखने को मिलता है, जहां इन्सेफेलाइटिस से बड़ी संख्या में लोग काल कवलित हो जाते थे। इन्सेफेलाइटिस से होने वाली मौत के आकड़ों में 95 प्रतिशत की कमी आयी है।

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श्री योगी ने कहा कि इसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत कराये गये कार्य का भी महत्वपूर्ण योगदान है। स्वच्छता से हमारे जीवन में व्यापक परिवर्तन आते हैं। यह बातें यूनिसेफ जैसी संस्थाएं भी स्वीकार करती हैं। उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 02 करोड़ 61 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालय बनाये गये हैं। इस तरह प्रदेश सरकार ने निर्धारित समय से पूर्व उत्तर प्रदेश को ओ0डी0एफ0 मुक्त करने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले शौचालय रोजगार का महत्वपूर्ण माध्यम भी हैं। प्रदेश में लगभग 59,000 ग्राम पंचायतें हैं, जहां सामुदायिक शौचालय निर्मित हो रहे हैं। इन सामुदायिक शौचालयों में नियमित साफ-सफाई हेतु महिला स्वयं सहायता समूह में से किसी एक महिला का चयन कर उसे 6,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार महिलाओं को सम्मान देने का कार्य कर रही है। इसके दृष्टिगत कई जनपदों में महिलाओं के लिए ‘पिंक सामुदायिक शौचालय’ भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 43 प्रतिशत महिला ग्राम प्रधान हैं। जो प्रदेश में महिलाओं की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है।

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