पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल जीता। चीन की बिंग जियाओ को सीधे सेटों में (21-13, 21-15) हराकर टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इससे पहले सिंधु ने रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
सिंधु लगातार 2 ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बनीं। उनके अलावा सिर्फ रेसलर सुशील कुमार ने ही दो ओलंपिक मेडल जीते हैं। सुशील ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में ब्रॉन्ज और लंदन ओलंपिक 2012 में सिल्वर मेडल जीता था।
बिंग जियाओ के खिलाफ मुकाबले में सिंधु ने शुरू से ही आक्रामक खेल दिखाया और पहले गेम में 11-8 की बढ़त बनाई। इसके बाद बढ़त को 16-10, 19-12 किया और पहला गेम 21-13 से जीत लिया। दूसरे गेम में भी भारतीय शटलर ने अच्छी शुरुआत की और देखते ही देखते 5-2 की बढ़त बना ली। बिंग जियाओ पहला गेम हारने के बाद कुछ दबाव में नजर आईं जिससे उनके शॉट बाहर भी पड़े।
हैदराबाद की 26 साल की शटलर सिंधु के खिलाफ दूसरे गेम में बिंग जियाओ ने वापसी की भी कोशिशें की और स्कोर 6-8 किया। सिंधु ने हालांकि कम गलतियां करते हुए बढ़त को बरकरार रखा और स्कोर 11-8 कर दिया। बिंग जियाओ ने फिर 11-11 से बराबरी की लेकिन वर्ल्ड चैंपियन सिंधु ने 16-13 से बढ़त ली और फिर 21-15 से गेम जीतकर मेडल पर कब्जा जमाया। टोक्यो ओलंपिक में यह भारत का दूसरा पदक है. इससे पहले वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत का पदकों का खाता खोला था।
2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वालीं सिंधु इससे पहले सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से हार गई थीं। उस हार से वह फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं और गोल्ड जीतने की रेस से बाहर हो गई थीं. सिंधु को पहले दुनिया की नंबर-1 शटलर ताई जु यिंग (Tai Tzu-Ying) ने सीधे गेमों में हराया था। तब भारतीय फैंस उम्मीद कर रहे थे कि वह ब्रॉन्ज जीतकर लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारतीय शटलर बन सकती हैं लेकिन यह भी संभव नहीं हो पाया।
सेमीफाइनल में सिंधु और ताई जु के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी लेकिन भारतीय शटलर सीधे गेमों में हार गईं। पहले गेम में दोनों के बीच सांस रोक देने वाला मुकाबला हुआ, जिसमें 18 प्वाइंट तक दोनों खिलाड़ी बराबरी पर थीं। इसके बाद ताई जु ने लगातार 3 प्वाइंट जीतकर पहला सेट अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम में सिंधु उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकीं। इसकी एक वजह यह भी रही कि जब ताई जु ने शुरुआती बढ़त बना ली तो सिंधु प्वाइंट जीतने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने लगीं। इस प्रयास में उनकी गलतियां भी बढ़ गईं, जिसका पूरा फायदा ताई जु को मिला और उन्होंने यह गेम 21-12 से जीत लिया।