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देश में एक साल में ‘सारे टोल खत्म’ करने की है योजना : नितिन गडकरी

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि पिछली सरकारों के दौरान कई स्थानों पर शहरी इलाकों के भीतर टोल बनाए गए हैं, जो ‘गलत और अन्यायपूर्ण’ हैं। इन्हें हटाने का कार्य एक साल में पूरा हो जाएगा। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदन के सदस्यों गुरजीत औजला, दीपक बैज और कुंवर दानिश अली ने पूरक प्रश्नों के उत्तर में नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि शहरों के भीतर टोल पहले बनाए गए। यह गलत है और अन्यायपूर्ण हैं। एक साल में भी ये टोल खत्म हो जाएगा। इस तरह के टोल में चोरियां बहुत होती थीं। उन्होंने कहा कि अब गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा, जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा। इसके बाद शहर के अंदर इस तरह के टोल की जरूरत नहीं होगी।

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गडकरी ने कहा कि इस तरह के टोल को शहरों के अंदर से हटाने का काम एक साल में पूरा हो जाएगा। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 90 फीसदी जमीन अधिग्रहण किए बिना हम परियोजना अवार्ड नहीं करते। जमीन का अधिग्रहण करने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाती है।

बसपा के नेता कुंवर दानिश अली ने गढ़ मुक्तेश्वर के पास सड़क पर नगर निगम की सीमा में टोल प्लाजा होने का मुद्दा उठाया। इस पर श्री गडकरी ने कहा कि पिछली सरकार में ऐसे कई टोल प्लाजा बनाए गए, जो नगर की सीमा पर हैं। यह निश्चित तौर पर गलत है और अन्याय करने वाला है। उन्होंने कहा कि अब अगर इन टोल प्लाजा को निकालने जाएंगे तो सड़क बनाने वाली कंपनी मुआवजा मांगेगी। अब सरकार ने अगले एक साल में देश में ‘सारे टोल खत्म’ करने की योजना बनाई है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि टोल खत्म करने का मतलब टोल प्लाजा खत्म करने से है। अब सरकार ऐसी तकनीक पर काम कर रही है जिसमें आप हाईवे पर जहां से चढ़ेंगे, वहां जीपीएस की मदद से कैमरा आपकी फोटो लेगा और जहां आप हाईवे से उतरेंगे वहां की फोटो लेगा, इस तरह उतनी ही दूरी का टोल चुकाना होगा।

गडकरी ने दीपक बैज के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि रायपुर से विशाखापट्नम के बीच ग्रीन हाईवे को मंजूरी दी गई है। काम शुरू हो चुका है। करीब डेढ़ साल में काम पूरा होने की संभावना है। इससे कई राज्यों के लोगों को फायदा होगा।

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