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कल है अमालिका एकादशी, जाने क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Amalika Ekadashi

Amalika Ekadashi

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी (Ekadashi) का बहुत अधिक महत्व होता है।  फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी(Ekadashi) को आमलकी एकादशी (Amalika Ekadashi) या रंगभरी एकादशी के नीम से जाना जाता है। वैसे तो एकादशी (Ekadashi) तिथि भगवान विष्णु को समर्पित हैं। मगर यह एकमात्र एकादशी Ekadashi) है जिसका संबंध भगवान शंकर से है। इसलिए काशी विश्वनाथ वाराणसी में इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा होती है। मान्यता है कि इसी दिन बाबा विश्व नाथ माता गौरा का गोना कराकर पहली बार काशी आए थे। तब उनका स्वागत रंग गुलाल से हुआ था। इसी दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इस साल रंगभरी या आमलकी एकादशी (Amalika Ekadashi) 14 मार्च को पड़ रही है।

आइये जानते हैं, कब और कैसे मनाई जाती है ‘आमलकी एकादशी’

अमालिका या रंगभरी एकादशी एकादशी मुहूर्त-

एकादशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 13, 2022 को 10:21 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – मार्च 14, 2022 को 12:05 पी एम बजे

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पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 15 मार्च को 06:31 ए एम से 08:55 ए एम

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 01:12 पी एमं

आज है आमलकी एकादशी, जानिए व्रत का महत्व और पूजन-विधि

एकादशी पूजा- विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।

भगवान शंकर और माता पार्वती का जल से अभिषेक करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें।

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

17 मार्च को है आमलकी एकादशी, जानिए क्यों रखते हैं व्रत

एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट- श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान

शिव जी और माता पार्वती की पूजा सामग्री- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

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