उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने पीएफआई के दो अभियुक्तों को पुलिस रिमाण्ड देने के मामले में सुनवाई के लिए नौ मार्च की तारीख निर्धारित कर दी है।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह ने बताया कि प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पाण्डे ने पीएफआई के सदस्य अनसद बदरूद्दीन एवं फिरोज खान को एसटीएफ के अनुरोध पर चार मार्च को लखनऊ जेल से मथुरा लाने का आदेश दिया था। एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक विनोद सिरोही ने दोनो अभियुक्तों को आज अदालत में पेश किया था तथा दोनो को पीसीआर में लेने का प्रार्थना पत्र भी दिया था।
दोनो अभियुक्तों के वकील मधुबन दत्त चतुर्वेदी के अनुरोध पर विद्वान न्यायाधीश ने एसटीएफ के प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि उन्हें उपलब्ध करा दी तथा बहस के लिए 9 मार्च निर्धारित कर दी । दोनो अभियुक्तों को पिछले मांह लखनऊ तथा देश के विभिन्न भागों में बम विस्फोट करने की राजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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एसटीएफ के अदालत में पूर्व में दिए गए प्रार्थनापत्र के अनुसार दोनो अभियुक्तों ने मथुरा की जेल में बन्द पीएफआई के सदस्यों अतीकुररहमान, मसूद, आलम एवं पत्रकार सिद्दीक कप्पन को फण्डिंग मामले संलिप्तता को भी स्वीकारा है। दोनो अभियुक्तों को 167 सीआरपीसी का वारन्ट बनाकर उन्हें जेल भेज दिया गया।
इस मामले में देशद्रोह जैसे गंभीर अपराधों में 5 अक्टूबर को मथुरा जिले के मांट थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए पीएफआई के सदस्यों अतीकुररहमान, मसूद, आलम एवं पत्रकार सिद्दीक कप्पन के साथ ही अभियुक्त रऊफ शेरिफ भी मुलजिम बन चुके हैं और अब पांचो अभियुक्त न्यायिक हिरासत में मथुरा जेल में बन्द हैं।