फैजाबाद। वरिष्ठ खण्ड अभियंता रेलपथ फैजाबाद के लिपिक रमाकान्त यादव की तानाशाही से ट्रैकमेंटेनर परेशान हैं। प्रसाशन उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे ट्रैकमेंटेनर अपने आप को हताश व निसहाय महसूस कर रहे हैं।
ट्रैकमेंटेनरों का कहना है कि जब से रमाकान्त यादव फैजाबाद रेल-खण्ड में क्लर्क का चार्ज लिये है। तब से उसकी तानाशाही इतनी बढ़ गई है कि समय पर किसी भत्तों का भुगतान नहीं होता है। कर्मचारियों ने कई बार सहायक मण्डल अभियंता से इसकी शिकायत लिखित रूप से की, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
ट्रैकमेंटेनर कर्मचारियों का कहना है कि लखनऊ डिवीजन में सब जगह बंचिंग का भुगतान हो गया है। फैजाबाद उपमंडल के ही सीनियर सेक्शन इंजीनियर रुदौली के यहां पर बंचिंग का भुगतान हो गया , लेकिन फैजाबाद का भुगतान लिपिक की मनमर्जी पर ही होगा, जो कर्मचारी नानमैट्रीक है, जिनका भुगतान 2017 का है उसको भी अभी तक बकाया भुगतान नहीं किया गया है। आखिर प्रशासन की नींद कब खुलेगी व कब ट्रैकमेटनरों का भुगतान होता है ये ऊपर वाले ही जानते हैं।
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ट्रैकमेंटेनर का दबी जुबान से यह भी कहना है कि तानाशाही की ये ताकत लिपिक को नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन से आती है, क्योंकि रमाकान्त उस यूनियन का नेता है, नेता जी के ऑफिस का काम करने के लिए फुर्सत ही नहीं है। वह तो सिर्फ यूनियन की कामों में इतना ज्यादा मसगुल रहते हैं कि कर्मचारियों के काम से उनका कोई सरोकार ही नहीं रहता है। ऑफिस में एक एलाइनर भी कार्य करते हैं जिनका काम बेल्डिंग टीम के साथ है फिर भी उसको ऑफिस के काम मे लगा रखा है।
एक महिला ट्रैकमैन, एक ऑफिस खलासी, इतने लोगों जिनका काम रेलवे ट्रैक का मरम्मत करना है, लेकिन इन सबको कार्यालय के काम में लगाया गया है। फिर भी ट्रैकमेंटेनरों का बंचिंग, रात्रि भत्ता, राष्ट्रीय अवकाश, आदि भत्ते कभी भी समय पर नहीं लगाया जा रहा है, यदि ट्रैकमैनों से छोटी सी भी गलती हो जाती है। तो उन्हें तुरंत चार्जसीट दे कर उनका पास, पीटीओ, इंक्रीमेंट बंद कर दिया जाता है, लेकिन अब देखने वाली बात है कि रेल प्रशासन द्वारा रमाकांत यादव के उपर कोई कारवाई की जाती है या सभी नियम कानून सिर्फ ट्रैकमेंटेनरों को सजा देने के लिए है।