भुवनेश्वर। ओडिशा के सुप्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ मंदिर (Puri Jagannath Temple) का रत्न भंडार 46 साल लंबे इंतजार के बाद रविवार दोपहर खोला जाएगा। इसके साथ भगवान जगन्नाथ के आभूषणों को सूचीबद्ध किए जाने की प्रक्रिया आज से शुरू होगी। इससे पहले यह साल 1978 में खोला गया था।
राज्य सरकार की तरफ से गठित 16 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति ने रत्न भंडार को 14 जुलाई को खोलने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने मंदिर प्रबंध समिति के लिए एसओपी जारी की है। जिसमें खजाना खोलने सहित सभी कार्यों के लिए प्रक्रिया तय की गई है। इस दौरान रिजर्व बैंक और पुरातत्व विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। जगन्नाथ मंदिर (Puri Jagannath Temple) प्रशासन के मुख्य प्रशासक को पूरे काम की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रत्न भंडार में सांपों की मौजूदगी को देखते हुए स्नेक हेल्पलाइन और मेडिकल टीमों को भी तैनात किया जाएगा।
रत्न भंडार के लिए एसजेटीए मुख्य प्रशासक के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई है। इनमें एएसआई, सेवकों, प्रबंध समिति और हाई पावर कमेटी के प्रतिनिधियों को विशेषज्ञ पैनल के सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। मंदिर (Puri Jagannath Temple) का खजाना आज शुभ मुहूर्त में खोला जाएगा।
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सबसे पहले पुरी जिला प्रशासन के पास मौजूद डुप्लिकेट चाबी के साथ खजाना खोलने की कोशिश होगी। कानून मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ताला तोड़ा जाएगा। पिछली बार इन्वेंट्री प्रक्रिया को पूरा करने में 70 दिन से अधिक का समय लगा था। उन्होंने कहा कि इस बार तकनीक की मदद से कम समय में यह काम पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
हरिचंदन ने कहा कि इस कार्य से न तो अनुष्ठान और न ही दर्शन प्रभावित होंगे। पिछली बीजद सरकार ने अपने 24 साल के शासन के दौरान रत्न भंडार नहीं खोला था। भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के एक महीने के भीतर इसे खोलने का फैसला किया है। हमने प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए इसे भगवान जगन्नाथ पर छोड़ दिया है। पुरी में जस्टिस रथ ने कहा कि एक मेडिकल टीम, हेल्पलाइन के सदस्य और ताला तोड़ने वाले ग्रुप को स्टैंडबाय पर रखा जाएगा।