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नाराज मरीज व तीमारदारों के साथ भी संवेदना पूर्ण व्यवहार करें : योगी

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उत्तर प्रदेश में कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कई दिशा-निर्देश दिए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड प्रबंधन की दिशा में टीम वर्क से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। लगभग एक सप्ताह से प्रदेश के रिकवरी दर में हर दिन सुधार देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 35,903 लोग कोविड से लड़ाई जीत कर स्वस्थ हुए हैं। सभी प्रदेशवासी कोविड विहेवियर के अनुरूप आचरण करें। मास्क, सैनिटाइजर और दो गज दूरी के सिद्धांत को व्यवहार में लाएं।

सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) एक छोटी और अति महत्वपूर्ण इकाई है। प्रदेश के सभी सीएचसी में न्यूनतम 10-10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि 4 करोड़ टेस्ट के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। इसे लगातार बढ़ाये जाने की जरूरत है। सभी निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं की क्षमता को दोगुना करने की कार्यवाही तेज की जाए।

सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा

संक्रमण की दृष्टि से हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा। अगले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश में कोविड डेडिकेटेड बेड्स की वर्तमान क्षमता को दोगुना किया जाए। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सरकारी व्यवस्था के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सहयोग से बेड्स को दोगुना करना सुनिश्चित कराए। सचिव स्तर के एक अधिकारी की जिम्मेदारी इस कार्य में लगाया जाए। इसकी दैनिक मॉनिटरिंग की जानी चाहिए।

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सीएम ने कहा कि सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड मरीजों के सेवार्थ डेडिकेटेड किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में पिछले सप्ताह में जनपदवार 200-200 बेड बढ़ाए गए हैं। इससे करीब 15000 बेड बढ़े हैं। कोविड हॉस्पिटल के रूप में नए निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाए।

जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों को रेमेडेसीवीर आवंटित किया गया है। जरूरतममंदों की मदद के लिए डीएम/सीएमओ को भी रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराया गया है। केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश को रेमेडेसीवीर के 1,61000 वॉयल आवंटित किए हैं। एक मई से इसमें दोगुनी तक बढ़ोतरी की संभावना है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह दवा निःशुल्क उपलब्ध है। जरूरत के अनुसार निजी अस्पतालों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

‘हमें अतिरिक्त संवेदनशील होने की जरूरत’

सीएम ने कहा कि आपदा की स्थिति में हमें अतिरिक्त संवेदनशील होने की जरूरत है। यदि कोई मरीज/परिजन क्षणिक आवेश में नाराजगी जाहिर करता है तो भी उससे संवेदना पूर्ण व्यवहार ही किया जाए। सभी अधिकारी फोन जरूर रिसीव करें। लगातार जनता से संपर्क में रहें। आइसीसीसी सहित सभी हेल्पलाइन को प्रभावी बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस और अन्य वाहन, लोगों की जरूरत पर यथाशीघ्र उपलब्ध होने चाहिए। हालांकि सभी जिलों को पर्याप्त वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, फिर भी यदि अतिरिक्त जरूरत हो तो उस अनुरूप व्यवस्था की जाए। एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम न्यूनतम रहे, इसके लिए विशेष प्रयास की जरूरत है।

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सीएम ने कहा कि सरकार सभी विकल्पों का प्रयोग कर रही है। प्रदेश के हर एक मरीज को चाहे वह अस्पताल में उपचाराधीन हो अथवा होम आइसोलेशन में हो, हम ऑक्सीजन, जीवनरक्षक दवा व अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर करने का प्रयास किए जा रहें हैं। लगभग 630 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। एक दिन पहले लगभग 530 मीट्रिक टन ऑक्सीजन विभिन्न अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया था। आज आगरा एयरफोर्स की सहायता से रांची से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है। आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है। 64 टैंकर इसी कार्य में लगाये गए हैं. इसके अलावा, 20 टैंकर विभिन्न जिलों में सीधे अस्पतालों को आपूर्ति कर रहे हैं। भारत सरकार से भी आठ नए टैंकर मिल रहे हैं। इसके अलावा जमशेदपुर से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है। सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस रहें। उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जाए। ऑक्सीजन ऑडिट का काम तेजी से किया जाए।

आइसोलेशन में इलाजरत लोगों का रखें पूरा ध्यान

सीएम ने कहा कि होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। सीएम हेल्पलाइन से इन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाए। तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन्हें दवाओं का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। ऐसे मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। टेलीकन्सल्टेशन के लिए फोन लाइन में बढ़ोतरी की जरूरत है। कानपुर नगर, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, बरेली आगरा आदि अधिक संक्रमण वाले जिलों में लाइन बढाकर अधिकाधिक लोगों से हर दिन संवाद किया जाए। उन्हें आवश्यक दवाएं/परामर्श उपलब्ध कराया जाए।

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