मुजफ्फरपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में शाही लीची के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में मशहूर मुजफ्फरपुर जिले में पांच सीटों पर त्रिकोणीय जंग देखने को मिलेगी।
मुजफ्फरपुर जिले की 11 विधानसभा सीट में से पांच सीट मीनापुर, कांटी, बरूराज, पारु, साहिबगंज पर दूसरे चरण के तहत तीन नवंबर को मतदान काराये जायेंगे जबकि छह अन्य सीट गायघाट, औराई, बोचहा (सु), सकरा, कुढ़नी और मुजफ्फरपुर सीट पर तीसरे चरण के तहत सात नवंबर को मतदान होना है।
मीनापुर विधानसभा सीट पर महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने निवर्तमान उम्मीदवार राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव को मैदान में उतारा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में तालमेल के तहत यह सीट जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के खाते में चली गयी। जदयू ने पहली बार चुनाव लड़ रहे मनोज कुमार को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायक दिनेश प्रसाद के पुत्र अजय कुमार ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का दामन थाम लिया और चुनावी रणभूमि में उतरकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। वर्ष 2015 में राजद के श्री यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अजय कुमार को 23940 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। दिनेश प्रसाद इस सीट से वर्ष 2000, अक्टूबर 2005, वर्ष 2010 में निर्वाचित हो चुके हैं। मीनापुर विधानसभा सीट पर 20 प्रत्याशी चुनावी रण में उतरे हैं, जिनमें 16 पुरुष और चार महिला शामिल है।
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बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार बरुराज सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी है। राजद के निवर्तान विधायक नंद किशोर राय चुनावी समर में फिर से भाग्य आजमा रहे हैं वहीं भाजपा की ओर से पूर्व विधायक बृजकिशोर सिंह के पुत्र अरुण कुमार सिंह उन्हें चुनौती दे रहे हैं। पूर्व विधायक शशि कुमार राय के पुत्र राकेश कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपने चाचा और विधायक नंदकिशोर राय को चुनौती देने में लगे हैं। एक ही परिवार से दो-दो उम्मीदवार क्षेत्र में चर्चा का विषय हैं। नंद कुमार राय के लिए पहली चुनौती भतीजे राकेश कुमार हैं। उन्हें राजद के वोट बैंक पर भरोसा है तो राकेश कुमार भी पिता शशि कुमार राय के नाम के साथ मैदान में उतरे हैं। वर्ष 2015 में राजद के श्री राय ने भाजपा के श्री सिंह को 4909 मतों के अंतर से परास्त किया था। शशि कुमार राय ने वर्ष 1985, 1990, 1995, 2000 और अक्टूबर 2005 में इस सीट से जीत हासिल की है। बरूराज सीट से केवल 14 पुरुष प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।
पारू मुजफ्फरपुर जिले की सबसे हॉट सीट बन गयी है। इस सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके अशोक कुमार सिंह चुनावी पिच पर चौका लागने के इरादे से भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। महागठबंधन में तालमेल के तहत यह सीट कांग्रेस के पाले में चली गयी। कांग्रेस ने यहां से पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद उषा सिंह और पूर्व विधायक वीरेन्द्र कुमार सिंह के पुत्र अनुनय सिन्हा को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वहीं, पिछली बार राजद प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक मिथिलेश प्रसाद यादव के भतीजे शंकर प्रसाद पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय मैदान में हैं और मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। वर्ष 2015 में भाजपा के श्री सिंह ने राजद के शंकर प्रसाद को 13539 मतों से पराजित किया था। इस सीट से 18 पुरुष और एक महिला समेत 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में डटे हैं। वीरेन्द्र कुमार सिंह ने वर्ष 1969, 1972 और वर्ष 1990 में इस सीट पर जीत हासिल की थी ,वहीं उषा सिंह भी वर्ष 1985 में पारू विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। मिथिलेश प्रसाद यादव ने 1995, 2000 और फरवरी 2005 में पारू विधानसभा से निर्वाचित हुये हैं। भाजपा के श्री सिंह अक्टूबर 2005,2010 और 2015 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
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साहेबगंज विधानसभा सीट से राजद ने निर्वमान विधायक एवं पूर्व मंत्री राम विचार राय को उतारा है। राजग गठबंधन में तालमेल के तहत यह सीट विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मिली है। राजद के श्री राय को चुनौती देने के लिये वीआईपी ने पूर्व विधायक राजू कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया हैं। लोजपा ने कृष्ण कुमार सिंह पर दाव लगाया है। वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव में राजद के राम विचार राय ने भाजपा के राजू कुमार सिंह को 10660 मतों से पराजित किया था। इस सीट से 18 पुरुष और दो महिता समेत 20 उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं। श्री राम विचार राय इस सीट पर 1990, 1995, 2000 और वर्ष 2015 में निर्वाचित हो चुके हैं। वहीं राजू कुमार सिंह ने फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और 2010 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
ताप विद्युत संयंत्र के कारण अपनी पहचान रखने वाले कांटी विधानसभा क्षेत्र से जदयू ने मो. जमाल और राजद ने मो. इसराइल मंसूरी को उम्मीदवार बनाया है। लोजपा के टिकट पर विजय कुमार सिंह वहीं पूर्व मंत्री अजीत कुमार के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में उतर जाने से यहां रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। वर्ष 2015 में निर्दलीय अशोक कुमार चौधरी ने हिंदुस्तानी आावामी मोर्चा (हम) प्रत्याशी अजीत कुमार को 9275 मतों से पराजित किया था। श्री चौधरी इस बार क्षेत्र बदलकर जदयू की टिकट पर सकरा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में डटे हैं। कांटी सीट पर 22 प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में उतरे हैं, जिनमें 18 पुरुष और चार महिला शामिल है। अजीत कुमार फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और 2010 में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।