जबलपुर। कोरोनाकाल में जब सभी लोग अपनी नौकरी को बचाने में लगे थे, तब आदिवासी महिलाओं ने एक करिश्मा कर दिखाया है। महिला ने कोविड आपदा से घबराए बिना अपना जीवन बदल डाला। सामूहिक प्रयासों के जरिए महिलाओं ने एक प्रेरक करिश्मा कर दिखाया है।
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मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की आदिवासी महिलाओं ने अपना खुद का कारोबार स्थापित कर डाला। इन महिलाओं ने अपने साथ-साथ और भी कई लोगों की जिंदगी को रोजगार देकर बेहतर कर दी। सभी आदिवासी महिलाएं एक राइस मिल में काम करती थीं। राइस मिल मालिक को कोरोना काल में आर्थिक परेशानी हुई तो इन महिलाओं ने उसकी मशीन खरीदकर खुद की मिल स्थापित कर ली।
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कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के चलते बिरसा में काम करने वाली महिलाओं का रोजगार छिन गया था। राइस मिल में काम करने वाली महिलाएं एकत्र हुई और खुद का रोजगार स्थापित करने का मन बनाया। यह बात भी पता थी कि वे जिस राइस मिल में काम करती थीं, उसका मालिक मशीन बेचना चाहता था।