सीमा सुरक्षा बल को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी एक 150 मीटर लंबी सुरंग मिली है। जाहिरा तौर पर इसका निर्माण आतंकवादियों की घुसपैठ के मकसद से किया गया होगा। अधिकारी भी इस बात की आशंका जाहिर कर रहे हैं तो कदाचित गलत नहीं होगा।
बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पिछले छह महीने में कठुआ और सांबा जिलों में इस तरह की तीसरी सुरंग का पता लगाया है। इसके लिए उनकी जितनी सराहना की जाए, कम है। हीरानगर सेक्टर के बोबियान गांव में सीमा पार से बनाई गई करीब 150 मीटर लंबी सुरंग का मिलना इस का द्योतक है कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आतंकियों की सीधे घुसपैठ कराने की उसकी हर कोशिश नाकाम हो रही है। उसके द्वारा प्रशिक्षित आतंकी एक-एक कर जिस तरह भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा रहे हैं, उससे उसकी बौखलाहट स्वाभाविक है। इसलिए अगर वह भारत की अभेद्य सुरक्षा में अगर इस तरह सेंध लगा रहा है तो उसकी गंभीरता को समझे जाने की जरूरत है।
जिस जगह सुरंग मिली है, उसके दूसरी तरफ पाकिस्तान का शेकरगढ इलाका है जो आतंकवादियों के ठिकानों के लिए कुख्यात है। गनीमत यह है कि बीएएसएफ के पास पहले से सूचना थी, जिसके चलते वह यहां होने वाली गतिविधियों को लेकर सतर्क थे। लेकिन यह तो देखना ही होगा कि इस सुरंग के जरिए कितने आतंकी भारतीय सीमा क्षेत्र में घुसे और अब क्या कर रहे हैं? उन्हें संरक्षण कहां मिल रहा है। पाकिस्तानी साजिशों को नाकाम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है। रेत के बोरों पर मिले पाकिस्तानी चिन्ह इस सुरंग के निर्माण में पाकिस्तानी संगठनों का हाथ होने का साक्ष्य पेश करते हैं जोकि पिछली बार पता लगाई गई सुरंगों की तरह ही 25 से 30 मीटर गहरी और दो से तीन फुट व्यास की हैं।
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यह भी देखनेकी जरूरत है कि यह सुरंग हाल-फिलहाल में बनाई गई है या पुरानी है । यह जांच का विषय है। अभियान चलाकर इस बात का पता लगाया जाना चाहिए कि इस तरह की कितनी सुरंगे जम्मू-कश्मीर में हैं। खासकर सीमा क्षेत्र के आस-पास है। अधिकारी ने यह भी कहा कि सुरंग से मिले रेत के बोरों पर उत्पादन वर्ष 2016-17 है, ऐसे में यह पुरानी भी हो सकती है। उन्होंने कहा है कि हम इस सुरंग की लंबे समय से तलाश कर रहे थे और सुरंग-रोधी अभियान के दौरान इसका पता चला है जोकि पूरे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चलाया जा रहा है। इस सुरंग के जरिए पूर्व में घुसपैठ की गई अथवा नहीं? इसका पता जांच के बाद ही चल पाएगा।
जमवाल ने कहा कि बीएसएफ इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि फिलहाल इस सुरंग के जरिए घुसपैठ नहीं की गई है। कश्मीर की साइबर पुलिस ने बुधवार को कई फर्जी कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया और फोन पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारी बन लोगों को ठगने के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर में कुछ फर्जी कॉल सेंटरों के चलने की सूचना पर कश्मीर क्षेत्र के साइबर पुलिस थाने ने छानबीन शुरू की। फर्जी कॉल सेंटर चलाने में शामिल 23 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला कि कुछ फर्जी कॉल सेंटरों के कर्मी बहु राष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारी बन लोगों को ठगते थे।
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ये कॉल सेंटर प्रति दिन पांच से 20 लाख रुपये कमा लेते थे तथा अधिकतर अन्य देशों के लोगों को निशाना बनाते थे। मतलब कि पाकिस्तान भारत को परेशान करने और उसकी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने का एक भी मौका चूक नहीं रहा है। चीन के साथ मिलकर वह पहले ही भारत की चिंता का ग्राफ बढ़ा रहा है। ऐसे में जरूरी है, उस पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जाए। ये सुरंगे उसके ठिकानों तक पहुंचने का जरिया बन सकती हैं।