अयोध्या। रामलला (RamLalla) से प्रेम में धार्मिक बंधन छूट रहे हैं। तीन तलाक पीड़िताएं 26 जनवरी के बाद रामलला के दर्शन करने पहुंच रही हैं। वे न सिर्फ रामलला (RamLalla) को निहारेंगी, बल्कि अपने हाथों से बना वस्त्र भी भेंट करेंगी। यह वस्त्र बरेली की मशहूर जरी जरदोजी से तैयार हो रहा है।
मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए तीन तलाक के खिलाफ मुखर मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाएं अभियान चलाकर सहयोग राशि जुटा रही हैं। ये महिलाएं बरेली, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, प्रयागराज समेत 30 जनपदों से चंदा जुटाएंगी। फरहत कहती हैं, जो भी राशि एकत्रित होगी, उसे वे राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप देंगी। कई वर्षों से सामाजिक कार्यों से जुड़ीं फरहत कहती हैं, ईदगाह के लिए हिंदू समुदाय ने जमीन दान में दी, तो हम मंदिर निर्माण में सहयोग क्यों नहीं कर सकते?
मोती जड़ित होंगे वस्त्र
रामलला (RamLalla) को जो वस्त्र सौंपे जाएंगे, वे मोती जड़ित होंगे। महिलाओं का कहना है कि उन्हें ट्रस्ट से अनुमति मिले, तो वे हर साल रामलला के लिए अपने हाथ से वस्त्र तैयार करेंगी। दरअसल, मेरा हक फाउंडेशन से जुड़ी महिलाएं जरी जरदोजी का काम करती हैं। इसका बारीक काम हाथ से ही किया जाता है।
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मंदिर निर्माण के लिए संघ के अभियान को कई जगहों पर मुस्लिम समाज का खुलकर सहयोग मिला। दो साल पहले पाटन, नेपाल के डॉक्टर दंपती हामिद मंसूरी और मुमताज ने दान देने के साथ ही रामलला (RamLalla) के दर्शन किए थे। तमिलनाडु के डब्ल्यूएस हबीब ने दान देते हुए कहा कि वह हिंदू-मुसलमान में सौहार्द देखना चाहते हैं। हाल में काशी प्रांत के 27 जिलों से 4 हजार से अधिक मुसलमानों ने सहयोग राशि दी।