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यूपी में साधुओं की जान पर आफत , अब अलीगढ़ के बरला में साधु की हत्या

Murder

हत्या

 

अलीगढ़। यूपी में इस समय साधु की जान पर आफत बन आई है। एक के बाद एक हत्या की घटनाएं योगी सरकार के राज पर सवालिया निशान खड़ा कर रही हैं। मंगलवार को अलीगढ़ जिले में गांव परोरा में एक साधु की हत्या का मामला उजागर होने से सनसनी फैल गई। 65 वर्षीय साधु कुंवरपाल का शव खेत में पड़ा मिला है। सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए और जांच पड़ताल में जुट गए हैं।

6 महीने में तीन साधुओं की हत्या, चार की रहस्यमय मौत

अभी रविवार को हर गोण्डा जिले में राम जानकी मंदिर के पुजारी को गोली मार दी गई थी। इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले छह महीने के भीतर तीन साधुओं की हत्या हो चुकी है। तो चार साधुओं की मौत का रहस्य बरकरार है। दो घटनाओं को छोड़कर अन्य किसी का आज तक खुलासा नहीं हुआ है। विपक्षी दलों ने साधुओं की मौत को मुद्दा बनाते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।

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एक दिन पहले बागपत जिले की यमुना नदी में साधु की लाश बरामद हुई तो राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बना लिया। यूपी कांग्रेस ने ट्विटर पर एक पोस्ट में दावा किया है कि दो साल में 20 साधुओं की हत्या हुई है। इस रिपोर्ट में कांग्रेस ने एक मैप बनाया है। मैप में उल्लेख है कि प्रदेश में कहां-कहां साधुओं को निशाना बनाया गया है। बिजनौर, बागपत, बुलंदशहर और मेरठ में हुई साधुओं की मौत का भी जिक्र है।

जानें कब –कब कहां हुई हत्या?

28 अप्रैल 2020 : बुलंदशहर जिले के अनूपशहर क्षेत्र में मंदिर में सो रहे दो साधुओं गरीबदास उर्फ जगनदास व शेर सिंंह उर्फ सेवादास की गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस मामले में मुरारी की गिरफ्तारी हुई।

14 जुलाई 2020 : मेरठ के अब्दुल्लापुर गांव में शिव मंदिर के सेवादार कांतिप्रसाद की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अनस कुरैशी ने कांतिप्रसाद के गले में पड़े भगवा दुपट्टे पर धार्मिक टिप्पणी कर दी। विरोध करने पर उन पर हमला किया गया।

9 सितंबर 2020 : बिजनौर के ग्राम पहाड़पुर खुर्द में मंदिर परिसर में सो रहे योगानंद महाराज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत। सिर से खून निकलता मिला।

24 सितंबर 2020 : मेरठ की सरधना गंगनहर में एक लाश बहती हुई मिली। वेशभूषा से इस बात का पता चला है कि वह कोई साधु की लाश है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पानी में डूबने से मौत की पुष्टि हुई।

24 सितंबर 2020 : बागपत के टीकरी कस्बे में एक तालाब किनारे साधु की लाश मिली। वेशभूषा से उसके साधु होने की बात सामने आई। 15 दिन बीतने के बावजूद लाश की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

09 अक्तूबर 2020 : बागपत में निवाड़ा पुलिस चौकी के पास यमुना नदी में साधु का तैरता हुआ शव मिला। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई।

 

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