लॉकडाउन के दौरान कोरोना वॉरियर्स के तौर पर काम करने वाले एक निगमकर्मी को लोगों के ताने इतने नागवार गुजरे कि उसने सुसाइड कर लिया। घटना मध्यप्रदेश के इंदौर के सुभाष नगर पानी की टंकी की है जहां रविवार सुबह एक निगमकर्मी की लाश पड़ी मिली। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। जिसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि निगमकर्मी ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली है। मौके पर पुलिस पहुंची तो एक सुसाइड नोट मृतक के पास मिला। जिसमे एक कर्मचारी द्वारा की गई मेहनत का दर्द छिपा था।
मृतक निगमकर्मी का नाम जितेंद्र पिता बाबूलाल यादव निवासी कुलकर्णी का भट्टा है। जो सुभाष नगर पानी की टंकी पर वाल्व मेन के पद पर पदस्थ था। पुलिस को मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है जिसमे मृतक निगमकर्मी ने लिखा है कि उसने कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जमकर मानव सेवा की है। बावजूद इसके कुछ लोग नीचा दिखाने का काम कर रहे हैं। इसलिए वो जीना नहीं चाहता है। भगवान उन लोगों को भी खुश रखे जो उसे नीचा दिखा रहे है।
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बेहद भावुक सुसाइड नोट के सामने आने के बाद पुलिस ने घटना की जानकारी दी और बताया कि मृतक डिप्रेशन में था और लॉकडाउन में की गई मेहनत का प्रतिफल उसे नहीं मिला। ऐसे में मृतक ने कीटनाशक पीकर जान दे दी।
परदेशीपुरा थाना के उपनिरीक्षक अजय सिंह कुशवाह ने बताया कि मृतक के परिजन किसी कार्यक्रम में ग्वालियर गए हुए थे और मृतक निगमकर्मी जितेंद्र यादव कल रात से ही गायब था। वहीं पुलिस को ये भी जानकारी मिली है मृतक की रात 2 बजे किसी दोस्त से कई बार बात हुई है। फिलहाल उंसने सोसायटी नोट में लिखा है मैंने काम कोरोन काल में बहुत किया है पर उसका प्रीतिफल नहीं मिला।
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पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। इंदौर में एक कोरोना वारियर्स की जिंदगी का दुखद अंत चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं पुलिस की जांच की रडार पर वो लोग भी हैं जो मृतक को नीचा दिखाने की कोशिश करते थे।