नयी दिल्ली। कांग्रेस के संकटमोचक के तौर जाने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी दो बार प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गये थे।
श्री मुखर्जी के लिए प्रधानमंत्री बनने का पहला मौका तब आया था , जब श्रीमती इंदिरा गांधी के निधन के बाद उनका नाम सामने आया , लेकिन बाद में श्री राजीव गांधी प्रधानमंत्री बन गए।
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डा़ मनमोहन सिंह के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के दौरान भी आखिरी समय तक श्री मुखर्जी का नाम आगे था और वह दूसरी बार भी इस दौड़ में पिछड़ गए थे।
प्रणव दा के लिए इसे बड़ी असमंजस की स्थिति और क्या हो सकती थी कि जब वह इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री थे और उन्होंने डॉ. सिंह को भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था और संयोग की बात कि डॉ. सिंह की सरकार में प्रणव दा एक बार फिर वित्त मंत्री बने।