• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

कार्य स्थल से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए आजमाइए वास्तु के ये उपाए

Writer D by Writer D
29/01/2022
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
Vastu Tips

Vastu Tips

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हर दिशा के अलग दिग्पाल (देवता) होते हैं। इसलिए वास्तु में हर दिशा का बहुत महत्व माना गया है। वास्तु शास्त्र में घर या कार्य स्थल पर किस दिशा में कौन सी वस्तु कहां रखें या किसी चीज का निर्माण कहां कराया जाए इस बारे में भी बताया गया है।

यदि इन बातों का ध्यान न रखा जाए तो वास्तु दोष निर्मित होता है। जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। इसलिए वास्तु के नियमों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। वास्तु में घर हर स्थान के चार कोण बताए गए हैं, ईशान कोण, नैऋत्य कोण, आग्नेय कोण और वायव्य कोण।

तो चलिए जानते हैं कि इन चारों स्थानों पर कहां पर क्या सामान रखना चाहिए और किस चीज का निर्माण करना चाहिए। ताकि घर में धन की आवक बनी रहे।

  • उत्तर-पूर्व के मध्य स्थान की दिशा को ईशान कोण कहा जाता है। इस दिशा के स्वामी गुरू है।  ईशान कोण जल एवं भगवान शिव का स्थान माना गया है। घर की इस दिशा में पूजा घर, मटका, कुंवा, बोरिंग, वाटरटैंक अदि का स्थान बनाया जा सकता है।
  • पूर्व-दक्षिण के मध्य स्थान की दिशा को आग्नेय कोण कहा जाता है। शुक्र ग्रह को इस दिशा का स्वामी माना है। आग्नेय कोण को अग्नि एवं मंगल का स्थान माना जाता है। इसलिए इस दिशा में रसोई का निर्माण करना सही रहता है। इसके अलावा आग्नेय कोणं में बिजली  के उपकरण आदि रखने का स्थान बनाया जा सकता है।
  • पश्चिम और उत्तर के बीच की दिशा को वायव्य कोण कहलाती है। इस दिशा के स्वामी चंद्र हैंष वायव्य कोण में वायु का स्थान माना गया है, इसलिए इस स्थान पर खिड़की, रौशनदान आदि  का निर्माण किया जा सकता है। इसके अलावा इस दिशा में मेहमानों के ठहरने का स्थान बनाया जा सकता है।
  • दक्षिण-पश्चिम के मध्य स्थान की दिशा को नैऋत्य कोण कहा जाता है। इस कोण में पृथ्वी तत्व का स्थान माना गया है। इस दिशा के स्वामी राहु-केतु है। नैऋत्य कोण को ऊंचा और भारी रखना चाहिए।
  • इसके अलावा इस दिशा में टीवी, रेडियो, सी.डी. प्लेयर अथवा खेलकूद का सामान और अलमारी सोफा, मेज जैसा भारी सामान रखा जा सकता है।
Tags: Vastuvastu ke niyamvastu rulesVastu Tipsvastu tips for hame directionvastu tips for homeआग्नेय कोणईशान कोणनैऋत्य कोणवायव्य कोण
Previous Post

यदि ऐसे लक्षण आप में है, तो समझ लीजिए शनि देव है मेहरबान

Next Post

घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए और कितना अधिक है उसका महत्व

Writer D

Writer D

Related Posts

Nobel Prize in Physics announced
Main Slider

फिजिक्स के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा, ये वैज्ञानिक होंगे सम्मानित

07/10/2025
Premananda Maharaj
Main Slider

सूजी आंखें, लाल चेहरा… संत प्रेमानंद का हाल देख इमोशनल हुए भक्त; सामने आया वीडियो

07/10/2025
PM Modi completes 24 years in power
Main Slider

CM से PM तक का सफर… मोदी ने सुनाई अपनी 24 साल की कहानी

07/10/2025
Bihar Election
Main Slider

सिर चढ़ कर बोल रही टिकट बंटवारे की खीज

07/10/2025
Minority Education Bill 2025
Main Slider

उत्तराखंड में मदरसे बनेंगे इतिहास! राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को दी मंजूरी

07/10/2025
Next Post

घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए और कितना अधिक है उसका महत्व

यह भी पढ़ें

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को पुलिस ने किया गिरफ्तार, कुछ ही देर में मिली जमानत

17/10/2021
Draupadi Murmu

नारी शक्ति वंदन अधिनियम बना कानून, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किए हस्ताक्षर

29/09/2023
Akhilesh Yadav

योगी सरकार के पास हर सवाल का जवाब है तमंचा: अखिलेश यादव

26/04/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version