अंकारा। तुर्की ने अपना नाम बदल लिया है। अब दुनिया तुर्की को तुर्किये (Turkiye) के नाम से जाना जाएगा। वैश्विक संस्था यूनाइटेड नेशन ऑर्गनाइजेशन (UN) ने नाम बदलने के अनुरोध को मंजूरी दे दी है।
क्या है मकसद
सरकार दुनिया में तुर्किये (Turkiye) को ब्रांड नेम बनाना चाहती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि टर्की या तुर्की शब्द वहां की भाषा के मुताबिक निगेटिव माना जाता है। इसी वजह से यहां के नागरिक 1923 में तुर्की की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से ही इसे ’तुर्किये’ बोलते आ रहे हैं। एर्दोआन लंबे अरसे से इंटरनेशनल लेवल पर “तुर्किये“ (Turkiye) (उच्चारण है: तूर-की-याय) को मान्यता दिलवाने की कोशिश कर रहे थे। UN के मान्यता देने के बाद ये कोशिश अब कामयाबी में तब्दील हो गई है।
क्यों बदला है तुर्की ने देश का नाम?
तुर्की ज्यादातर लोग अपने देश को तुर्किये (Turkiye) कहते हैं। तुर्की को अंग्रेजी में टर्की भी कहा जाता है। तुर्की ने बीते साल ही नाम में बदलाव कर दिया था। कैब्रिज की अंग्रेजी डिक्शनरी के मुताबिक टर्की का असली नाम बेवकूफ या हारा हुआ होता है। यही नहीं, इसका इस्तेमाल नाकामी के तौर पर भी किया जाता है।
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टर्की नाम का एक पक्षी भी होता है। भारत में इसे तीतर कहा जाता है। नॉर्थ अमेरिका में क्रिसमस पार्टी में इसका मांस परोसने और खाने का ज्यादा चलन है। इसलिए टर्की अपने इस नाम को बदलकर तुर्की भाषा के हिसाब से तुर्किये (Turkiye) रखना चाहता है। वैसे भी टर्किश लैंग्वेज में टर्किये ही होता है। ये बात अलग है कि दुनिया के सभी देशों में टर्किए की बजाए इसे टर्की कहा जाता रहा।
सरकारी डॉक्यूमेंट में पहले ही बदल दिया था नाम
पिछले साल ही राष्ट्रपति एर्दोआन ने तुर्की संस्कृति को ध्यान में रखकर तुर्की की जगह “तुर्किये“ (Turkiye) के इस्तेमाल का आदेश दे दिया था। इस आदेश के मुताबिक- फॉरेन एक्सपोर्ट किए जाने वाले सभी प्रोडक्ट्स पर ‘मेड इन तुर्की’ के बजाय ‘मेड इन तुर्किये’ का इस्तेमाल किया जाए। तुर्की के सभी मंत्रालयों ने ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स में “तुर्किये“ (Turkiye) लिखना भी शुरु कर दिया था। इस साल की शुरुआत से ही सरकार ने नाम अंग्रेजी में बदलने के लिए लगातार प्रचार भी किया। टूरिज्म प्रमोशन वीडियो में तुर्की को “हैलो तुर्किये“ कह रहे थे।