भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा मंगलवार को विशेष एमपी-एमएलए अदालत में अपने बयान से पलट गई।
छात्रा विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अपना बयान देने के लिए उपस्थित हुई। छात्रा ने बयान में कहा कि उसने पूर्व मंत्री पर ऐसा कोई इल्जाम नहीं लगाया जिसे अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर पेश कर रहा है। इससे नाराज अभियोजन पक्ष ने आरोपों से मुकरने पर छात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत तुरंत अर्जी दाखिल की।
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न्यायाधीश पीके राय ने अपने कार्यालय को वह याचिका पंजीकृत करने के निर्देश दिए और अभियोजन पक्ष से कहा कि वह अर्जी की एक प्रति पीड़ित पक्ष और अभियुक्त पक्ष को उपलब्ध कराए।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है। सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने बताया कि विधि छात्रा ने पांच सितंबर 2019 को नई दिल्ली के लोधी कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें उसने स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इसके अलावा उसके पिता ने भी शाहजहांपुर में एक प्राथमिकी पंजीकृत कराई थी। इन दोनों ही मुकदमों को एक साथ जोड़ दिया गया था।
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उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने लड़की का बयान दर्ज किया था। उसके बाद अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत शाहजहांपुर में भी उसका बयान रिकॉर्ड किया गया था। दोनों ही बयानों में उसने मुकदमे में लगाए गए आरोपों को सही बताया था।
मगर अब वह अपने बयान से पलट रही है और मुकदमे में लगाए गए आरोपों से इनकार कर रही है। चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज मामला खासा चर्चित हुआ था। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।