भारत सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के बीच चल रहे विवाद का फायदा देसी ऐप Koo को मिल रहा है। इस ऐप के इस्तेमाल में अचानक से बढ़ोतरी देखने को मिली है। Koo ऐप के को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि ऐप के डाउनलोड और प्लेटफॉर्म का एंगेजमेंट लगभग पांच गुना बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि ऐसा पिछले 3 दिनों से हो रहा है। कू के करीब 60 लाख यूजर्स हैं। कू ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने नए नियमों को लागू किया है और उसकी प्राइवेसी पॉलिसी, उपयोग की शर्तें और कम्यूनिटी गाइडलाइन्स अब नए नियमों के अनुरूप हैं। सरकार और सोशल मीडिया ऐप्स में तकरारबता दें कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 26 मई तक नए आईटी नियमों का अनुपालन करने के निर्देश दिए थे।
नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस (जिनके देश में 50 लाख से अधिक यूजर्स हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। ट्विटर नियमों का पालन करने के लिए तैयार हो गया है। टूलकिट विवाद और नए नियम को लेकर ट्विटर ने सरकार से 3 महीने की मोहलत मांगी है। ट्विटर ने कहा, ‘फिलहाल, हम भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हालिया घटनाओं और अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरे से चिंतित हैं।’ वहीं सरकार और ट्विटर के विवाद के बीच कू ऐप को इससे काफी फायदा हो रहा है।
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कू ऐप ने जुटाए 218 करोड़ रुपयेहाल ही में कू ऐप ने टाइगर ग्लोबल के नेतृत्व में 30 मिलियन डॉलर (करीब 218 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। कू ने एक बयान में कहा कि इस फंडिंग में मौजूदा निवेशकों एक्सेल पार्टनर्स, कलारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और ड्रीम इनक्यूबेटर ने भी हिस्सा लिया। इसके अलावा नए निवेशकों के तौर पर आईआईएफएल और मिराए एसेट्स सामने आए हैं। गौरतलब है कि यह इनवेस्टमेंट ऐसे समय में किया गया है, जब देश में नए आईटी नियमों के लागू होने से ट्विटर और फेसबुक समेत सोशल मीडिया कंपनियों के लिए जवाबदेही बढ़ी है।