औरैया। जनपद पुलिस पैसे लेकर बैंक में फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह के सदस्यों को पकड़ा है। गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार (Arrested) करते हुए अन्य की तलाश की जा रही है।
दिबियापुर थाना में 17 दिसंबर को शीलू कुमार पुत्र कन्हैया लाल निवासी अम्बेडकर नगर की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उसने बताया कि कुछ माह पहले उसे अद्वेत उर्फ लल्ली यादव पुत्र विश्राम सिंह यादव निवासी कुडरी का पुर्वा थाना सहायल ने बताया कि वह डिजिटल आर्यवर्त निधि लिमिटेड बैंक में एएसएम की पोस्ट पर कार्यरत है। जिसने उसकी बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर उसकी बात फर्जी बैंक के चेयरमैन असलम उर्फ राजा पुत्र मो. सरीफ से कराया। साथ ही मेरे सारे दस्तावेज की प्रतियां व एक लाख 80 हजार रूपये सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर जमा करवा लिये है।
कुछ दिनों बाद क्लर्क की पोस्ट पर ज्वाइन कराकर तीन माह तक 14 हजार मासिक वेतन के रूप में दिया। इसके बाद किसी अन्य ब्रांच कौंच जनपद जालौन के खुलने पर सात अन्य इच्छुक कर्मचारियों की नियुक्ति की बात अद्वेत उर्फ लल्ली यादव ने मुझसे कही। जिस पर मेरे द्वारा अपने रिश्तदारों से बैंक में नौकरी के नाम पर प्रत्येक से सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर एक लाख 80 हजार रूपये कुल (12 लाख 60 हजार रूपये) जमा कर लल्ली यादव को दिये। परन्तु बैंक के अधिकारियों द्वारा रुपये लेकर किसी को भी ज्वाइन नहीं कराया गया।
एसपी ने बताया कि गठित टीम द्वारा निरन्तर इलेक्ट्रानिक व मैनुअल साक्ष्यों का संकलन किया जा रहा था। इस बीच आरोपियों के जनपद में होने की सूचना मिली और पुलिस टीम ने आरोपी बीजेएम कालेज के पास बेला रोड के पास घेराबन्दी करते हुए मो. असलम व अद्वैत यादव उर्फ लल्ली को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से तीन एन्ड्राएड मोबाइल फोन व उनकी निशादेही पर विभिन्न स्थानों से बैंक से सम्बन्धित इलेक्ट्रानिक उपकरण व फर्जी दस्तावेज, आईडी आदि बरामद कर ली गई हैं।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि हम लोग जनता को गुमराह करने के लिये एक फर्जी तरीके से आर्यावर्त निधि बैंक खोल रखी थी। जिसकी ब्रांच जगह-जगह बनाकर संचालित करते थे। जिसकी एक शाखा दिवान सिंह पुत्र रघुनाथ सिंह निवासी राणा नगर के मकान में किराए पर लेकर खोली थी। जब लोगों को इसके बारे में जानकारी हुयी तो हमने सारे ब्रांचें बंद कर दिये। लेकिन, फर्जी बैंक से सम्बन्धित सामान अभी भी कई ब्रांचों में रखा है। जिसमें से एक बैंक ब्रांच इसी मकान के ऊपर वाले तल पर है तथा दूसरी ब्रांच कस्बा सहायल में शब्बीर खान पुत्र बरासत अली निवासी सहायल में खोली हुई थी। जिसमें अभी भी फर्जी बैंक से सम्बन्धित सचांलित करने का सामान रखा हुआ है।
एसपी ने बताया कि इन लोगों को किसी प्रकार का संदेह न हो इसके लिए फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके अपनी बनाई हुई फर्जी आर्यवर्त निधि बैंक ब्रांचों में नौकरी दे देते थे। आरोपियों ने अपनी हर फर्जी बैंक ब्रांच में बैंक जैसा पूरा सैटअप सेट किया हुआ है ताकि हम लोगों द्वारा बनाये हुये फर्जी ब्रांच बैंक पर संदेह न हो ओर न ही किसी को यह फर्जी बैंक ब्रांच जैसी लगे।








