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अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, 1 करोड़ का नक्सली समेत दो को किया ढेर

Naxalites Encounter

Naxalites Encounter

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में जारी नक्सल विरोधी अभियान (Anti-Naxal Operation) को बड़ी सफलता मिली है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षा बलों और नक्सलियों (Naxals) के बीच मुठभेड़ में नक्सलियों के शीर्ष नेता कोसा और राजू उर्फ विकल्प मारे गए हैं। दोनों लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की वांछित सूची में शामिल थे। कोसा नक्सलियों (Naxals) की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। वहीं राजू उर्फ विकल्प पर 70 लाख रुपये का इनाम था।

जानकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों को इलाके में नक्सलियों (Naxals) की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान नक्सलियों ने फोर्स पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में हुई मुठभेड़ में कोसा और राजू उर्फ विकल्प ढेर हो गए। घटनास्थल से एके-47 राइफल, विस्फोटक और भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की गई है। एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि यह कार्रवाई नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका है। कोसा नक्सलियों के शीर्ष नेताओं में गिना जाता था और कई बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड रहा है। राजू उर्फ विकल्प भी संगठन का अहम चेहरा था।

नक्सल विरोधी अभियान लगातार तेज

इन दोनों की मौत नक्सल नेटवर्क की रणनीतिक क्षमता को कमजोर कर देगी। सुरक्षा बलों का कहना है कि बीते एक साल में नक्सल विरोधी अभियान लगातार तेज हुआ है। अब तक 36 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। 496 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। 193 नक्सली मारे गए हैं और लगभग 900 गिरफ्तार किए गए हैं। इससे संगठन का ढांचा कमजोर पड़ा है. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के सफाए का लक्ष्य तय किया है। अब इस लक्ष्य तक केवल सात महीने बचे हैं।

बीजापुर जिला वर्तमान में सबसे अधिक माओवादी प्रभावित माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि निर्णायक लड़ाई बीजापुर और आसपास के इलाकों में ही होगी। स्थानीय स्तर पर सड़क, पुल, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं की पहुंच बढ़ने से भी नक्सलवाद पर अंकुश लग रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलवाद की ताबूत पर अंतिम कील बीजापुर में ही ठोकी जाएगी। नारायणपुर की यह कार्रवाई उसी दिशा में उठाया गया निर्णायक कदम है।

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