उत्तर प्रदेश में बहराइच ज़िले के मोतीपुर और महसी तहसील के 45 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है वहीं सुजौली में नाव पलटने से दो मासूम बालक लापता हो गए हैं। एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम द्वारा मासूमों की खोज की जा रही है।
जरवल में एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। एडीएम ने चार तहसील के उपजिलाधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। उधर बैराजों से बुधवार को 6.82 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ऐसे में 24 घंटे में जलस्तर और बढ़ने की प्रबल संभावना है।
नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और उत्तराखंड से आ रहे पानी के चलते जिले में बाढ़ आ गई है। मोतीपुर तहसील के 30 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। तहसील क्षेत्र के मझरा, मिर्जवा, चहलवा, बड़खड़िया, मौरहवा, विजय नगर, मुजवा, टिलवा, संपतपुरवा, रामवृक्षपुरवा, रामपुर रेतिया, धनिया बेली, पारसपुरवा समेत 30 गांवों में पानी भर गया है। उपजिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी व तहसीलदार पीयूष कुमार की देखरेख में पीड़ितों का नाव द्वारा रेस्क्यू कर सरकारी स्कूल व पंचायत भवनों में ठहराया जा रहा है। महसी तहसील के 20 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।
तहसील क्षेत्र के तारापुरवा, जोगलापुरवा, रानीबाग, फक्कड़पुरवा, छत्तरपुरवा, चमरही, रामदहिनपुरवा, रविपुरवा, कोनी, खरखट्टनपुरवा, बांसगढ़ी, पिपरिया, मंगलपुरवा, चुरईपुरवा समेत 20 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। सिविलयन विद्यालय मंगलपुरवा में पानी भर गया है। ग्राम प्रधान तेज नरायन शुक्ला ने बताया कि अचानक पानी आने के कारण तीन नावें लगाई गई हैं। कोनी, चुरईपुरवा व रामदहिनपुरवा से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। कैसरगंज तहसील के जरवल में एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। तटवर्ती इलाकों में पानी भरने लगा है। मिहींपुरवा के तीन बैराजों से 683922 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ऐसे में संभावना जतायी जा रही है कि बाढ़ और बढ़ेगा। जिससे ग्रामीणों को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।
सुजौली थाना क्षेत्र के बड़खड़िया के मजरा नईबस्ती में मंगलवार शाम को अचानक बाढ़ का पानी आ गया। ऐसे में ग्रामीणों का रेस्क्यू किया जाने लगा। मंगलवार रात करीब 11:30 बजे के आसपास ग्रामीणों को लेकर नाव प्राथमिक विद्यालय जा रहा था। कुछ दूरी पर जंगल में पहुंचते ही नाव पेड़ से टकरा गया। नाव पलटने से गुलशन (05) पुत्र ओमप्रकाश और अंकित (06) पुत्र दयानंद डूब गए। एनडीआरएफ के जवान और गोताखोरों द्वारा तलाश की जा रही है, लेकिन कोई पता नहीं चल सका है।
उधर, बाहराइच-लखीमपुर ज़िले की सीमा से सटे जालिमनगर में स्थित सरयू नदी में काफी पानी आ गया है। जिससे सीमावर्ती गांव मझरा, नौबना, मिर्जवा, नकौहा, कंचनपुर समेत अन्य गांव में पानी भर गया है। चारे पानी का अभाव हो गया है। लोग पानी के बीच जीवन-यापन कर रहे हैं।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ की संभावना चार तहसीलों में अधिक है। ऐसे में मोतीपुर, नानपारा, कैसरगंज व महसी के एसडीएम को किया अलर्ट, बाढ़ चौकियों के कर्मचारियों को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिया है। महसी में बाढ़ को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने गोलागंज, कायमपुर, पिपरी, बौंडी गांव का निरीक्षण किया। बाढ़ को देखते हुए डीएम ने उपजिलाधिकारी को सुरक्षा के कड़े निर्देश दिए। हलका लेखपालों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहने के निर्देश दिए गए। वहीं ग्रामीणों की शिकायत पर बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता शोभित कुशवाहा को गोलागंज के पास बने साइफन को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं।