कानपुर। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरी का झांसा देकर महिलाओं की तस्करी कर खाड़ी देशों में बेचने व उनके शारीरिक शोषण करने वाले बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच पुलिस ने ऐसी ही ओमान भेजी गई एक महिला के पति की शिकायत पर दो दलालों को गिरफ्तार किया गया है।
इन राज्यों में हैं तक फैले हैं एजेंट
दोनों ने पूछताछ में भी करीब 20 महिलाओं को बेचने की बात कबूल की है। पूछताछ के आधार पर कानपुर पुलिस ने विदेश दूतावास में महिलाओं को छुड़ाए जाने के लिए सम्पर्क किया है। वही गिरोह के दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक आदि जगहों में सक्रिय एजेंटों की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीमों को लगाया है।
पुलिस को ऐसे हुई तस्करों की जानकारी
डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि बीते साल नौ अप्रैल को उन्नाव जिले के कांशीराम कॉलोनी निवासी राजमिस्त्री रामू ने कर्नलगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया कि कॉलोनी की एक महिला ने कर्नलगंज निवासी अतीकुर्रहमान और इफ्तिखाराबाद निवासी मुजम्मिल से पत्नी की जान पहचान कराई थी। दिसम्बर में अतीकुर्रहमान ने उनकी पत्नी को ओमान के अस्पताल में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। उसने रामू को भी समझाते हुए झांसे में ले लिया और 40 हजार रुपये लेकर पत्नी का पासपोर्ट बनवा दिया।
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पांच जनवरी 2021 को उसने टूरिस्ट वीजा पर पत्नी व अन्य महिला को ओमान भेज दिया गया। कुछ दिन बाद पति रामू के पास डरी सहमी पत्नी का फोन आया। उसने बताया कि ओमान में एक कफील के छह मंजिला घर पर उसे बंधक बनाकर रखा गया है। फोन, पासपोर्ट छीन लिया है। उससे विदेशियों के घरों पर जबरन काम कराते हैं और शारीरिक शोषण भी किया जाता है। पत्नी की दास्तां सुनकर पति रामू ने अतीकुर्रहमान व मुजम्मिल से उसे वापस लाने के लिए कहा तो आरोपितों ने टिकट के नाम पर 22 हजार रुपये ले लिए।
पुलिस आयुक्त के क्राइम ब्रांच को सौंपी जांच
डीसीपी क्राइम ने बताया कि, आरोपितों ने फिर उससे एक लाख रुपये मांगते हुए धमकी दी कि रकम लाओ, वरना पत्नी को दोबारा मुहं नहीं देख सकोगे। धमकी से घबराकर रामू ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। इस प्रकरण की जांच पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी। शिकायत के आधार पर छानबीन की गई तो मामला मानव तस्करी किए जाने का खुलासा हुआ। जिस पर आरोपियों अतीकुर्रहमान व मुजम्मिल को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों पर धोखाधड़ी, अमानत में खयानत व मानव तस्करी का मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।
सालों से कर रहे थे महिलाओं की तस्करी
डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में कई वर्षों से महिलाओं को खाड़ी देश भेजने की बात कबूल की। पता चला कि, यहां से जाने वाली महिलाओं को वहां बंधक बनाकर उनका शारिरिक शोषण किया जाता है। इस गिरोह में बेंगलुरु (कर्नाटक), दिल्ली, पंजाब राज्यों में भी एजेंटों का जाल फैला रखा है। बीते एक वर्ष में इस गिरोह ने उन्नाव की सात, कानपुर नगर की 11 व गुजरात की एक महिला को ओमान के मस्कट, कतर, कुवैत व सऊदी अरब भेज देते हैं। जहां महिलाओं को एक बहुमंजिली इमारत में बंधक बनाकर रखा जाता है और वहां नेपाल साउथ अफ्रीका, श्रीलंका आदि से आने वाले लोगों को द्वारा शारीरिक शोषण किया जाता है।
देश मंत्रालय से कानपुर पुलिस ने साधा सम्पर्क
डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि पीड़ित की पत्नी के साथ-साथ खाड़ी देशों में फंसी महिलाओं को वापस लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उनकी वापसी के लिए विदेश मंत्रालय व भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद पूर्व में चार महिलाएं वापस आ चुकी हैं। उन्होंने भी आपने साथ हुए जुल्म की दास्तां बताई हैं। अन्य सभी महिलाओं को सकुशल लाने की कवायद की जा रही है।