उत्तर प्रदेश के पौराणिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर सोमवार को दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगायी और कामदगिरि की परिक्रमा की।
इस मौके पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किये थे। श्रद्धालुओं को पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की सलाह दी जा रही थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में स्नानार्थी संक्रामक बीमारी को लेकर बेपरवाह दिखे। हालांकि कई ने स्नान ध्यान करने के बाद मास्क लगा कर परिक्रमा की।
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मंदाकिनी के तट पर तड़के से ही श्रद्धालु उमड़ने लगे थे। जिला प्रशासन के अधिकारी और सुरक्षा बल देर रात से घाटों पर डट गये थे और व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाने में व्यस्त रहे। दिन निकलने के साथ परिक्रमा करने वालों की भीड़ बढ़ने लगी हालांकि कोरोना संक्रमण काल के चलते पिछले साल की तुलना में यह संख्या बेहद कम रही। पिछले साल कामदगिरि की परिक्रमा करीब 15 लाख श्रद्धालुओं ने की थी।
जिलाधिकारी शेषमणि पांडे और पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल अपने सहयोगियों के साथ लगातार मेला क्षेत्र में रहकर श्रद्धालुओं को व्यवस्थित करने और अन्य जरूरी इंतजाम में जुटे रहे। सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे के अलावा ड्रोन से शरारती तत्वों पर नजर रखी जा रही थी।
इस दौरान श्रद्धालुओं के लिये जगह जगह भंडारों की व्यवस्था स्वयंसेवी संगठनों ने की थी।