उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नाका के मोतीनगर स्थित राजकीय बालगृह (बालिका) से भागी पांच संवासिनियों में से दो को बरामद कर लिया गया है। बुधवार को एक संवासिनी सीतापुर से बरामद की गई।
इसके पहले एक को मंगलवार को कानपुर के बिठूर स्थित गांव से पुलिस ने ढूंढ़ निकाला। वहीं अन्य तीन संवासिनियों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
नाका के मोतीनगर स्थित राजकीय बालगृह बालिका से रविवार सुबह करीब 3 बजे पांच संवासिनियां दीवार फांदकर भाग गई थी। इस मामले में अधीक्षिका ने सात कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा नाका थाने में दर्ज कराया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पांचों की तलाश शुरू की। मंगलवार को एक संवासिनी कानपुर के बिठूर स्थित एक गांव में मिल गई जबकि दूसरी बुधवार को सीतापुर से बरामद हुई।
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बिठूर से बरामद हुई संवासिनी उन्नाव के गंगाघाट की रहने वाली है। बालगृह बालिका से फरार होने के बाद उसे उसके मित्र ने शरण दी थी। पुलिस के मुताबिक, मित्र मौके पर नहीं मिला। संवासिनी को साथ लेकर पुलिस लखनऊ आ गई। उससे पूछताछ कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, इस मामले में राजकीय बालगृह बालिका की अधीक्षिका मिथिलेश पाल और अन्य कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। संवासिनियों के लिए बालगृह में मोबाइल रखना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लेकिन संवासिनियों ने बालगृह में अपने पास मोबाइल रखे थे। पुलिस की जांच में इस बात की पुष्टि भी हुई है। वह इन मोबाइल के जरिये अपने करीबी दोस्तों के संपर्क में थी। उनके भागने के बाद दोस्तों ने मदद भी की है। पुलिस इन पहलुओं की पड़ताल कर रही है।
प्रभारी निरीक्षक मनोज मिश्रा के मुताबिक, संवासिनियों की लोकेशन के आधार पर कई टीमों को कानपुर, उन्नाव, सीतापुर व हरदोई भेजा गया है। जल्द ही अन्य संवासिनियों को ढूंढ़ निकाला जाएगा।