लखनऊ। कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने का दावा कर लाखों रुपये ऐंठने वाले गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने मास्टर माइण्ड समेत उसके साथी को लखनऊ मुंशी पुलिया चौराहे से किया है। आरोपितों ने अब तक 100 से अधिक लोगों के साथ जालसाजी कर करीब 2.50 करोड़ रुपये ऐंठ लिए हैं।
पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ अमित कुमार नागर ने बताया कि गुरूवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए गाजीपुर थानान्तर्गत मुंशी पुलिया चौराहे के पास पहले से ही घेराबन्दी कर ली थी। कुछ ही देर में मौके पर आरोपित पहुंच गए। चौराहे के पास भारी पुलिस बल देखकर आरोपित भागने लगे।
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इस पर पुलिस टीम ने आरोपितों को दौड़ाकर दबोच लिया। पूछताछ में आरोपितों ने अपना नाम अलीगंज निवासी मयूर मोहन और सर्वोदय नगर निवासी मोबिन अहमद बताया है। पुलिस ने बताया कि गिरोह का मास्टर माइण्ड मयूर मोहन है। आरोपित सचिवालय, पशुधन विभाग, भारतीय रेलवे, फूड कारपोरेशन आफ इण्डिया, केन्द्रीय विद्यालय में नौकरी दिलाने का दावा करते थे। आरोपित चाय की दुकान व लोगों के स पर्क में आकर उन्हें नौकरी दिलाने का दावा करते थे।
आरोपित उनके जाल में फंसे लोगों से सार्वजनिक स्थान पर ही मिलते थे। जाल में फंसे लोगों को आरोपित किसी न किसी माध्यम से सरकारी कार्यालयों में ले जाते थे और उन्हें फर्जी नियुक्ती पत्र देकर रुपये ऐंठते थे। तमाम कैन्डिडेटों को बलिया एफसीआई, कानपुर, झांसी, आगरा व अन्य शहरों में ले जाया गया था।
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आरोपितों ने महज 5 माह में एफसीआई में नौकरी दिलाने के लिए 49 लाख और केन्द्रीय विद्यायल में सर्विस लगवाने के नाम पर 100 से अधिक युवकों से 200 करोड़ रुपये ऐंठ लिये थे। आरोपितों के खिलाफ पीडि़त युवकों ने नामजद मुकदमा दर्र्ज कराया था।
विद्यायक के परिचितों से ऐंठे थे लाखों
पुलिस ने बताया कि गिरोह का सरगना मयूर शातिर दिमाग है। मयूर पूर्व मोबाइल कंपनी में टीम लीडर और पूर्व अध्यापक था। उसने अपने जाल में विद्यायक के परिचितों को भी फंसा लिया था। एफसीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिए थे। जालसाजी का खुलासा होने पर आरोपी अर्दब वाले व्यक्तियों को उनका पैसा लौटा देते थे और उनसे कोर्ट-कचहरी में जाने से मना कर देते थे।