लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित थाना वजीरगंज में बुधवार को दर्दनाक हादसा हो गया। शहीद स्मारक के सामने सीवर (Sewer) सफाई के दौरान दो कर्मचारी बेहोश हो गये। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जलकल, नगर निगम के साथ रेस्क्यू शुरू किया। कर्मियों को बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों की मौत हो गयी। दोनों रिश्ते में पिता-पुत्र थे।
मिली जानकारी के मुताबिक दोनों सफाई कर्मी रेजीडेंसी के गेट के पास सीवर की सफाई करने उतरे थे और तकरीबन एक घंटा से ज्यादा समय बीत जाने के बाद जब कोई हलचल नहीं हुई, तो नगर निगम और जलकल विभाग के साथ-साथ फायर विभाग को भी सूचना दी गई। इसके बाद फायर विभाग रेस्क्यू के लिए पहुंचा। बताया जा रहा है फायर कर्मी ऑक्सीजन मास्क लगाकर जब नाले में उतरे तो देखा दोनों सफाई कर्मी बेहोश पड़े हुए थे।
सीवर (Sewer)लाइन में भरे हुए रसायनिक गैस के कारण दोनों सफाई कर्मी की हालत गंभीर हो गई थी। एक को तत्काल लखनऊ के जिला अस्पताल भेजा गया। साथ ही दूसरे कर्मचारी को केजीएमयू अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में दोनों की मौत हो गई। मरने वालों में सफाई कर्मी सोवरन यादव की उम्र 56 वर्ष थी। वहीं सुशील यादव की आयु 28 वर्ष बताई जा रही है। दोनों रिश्ते में पिता पुत्र थे। सीतापुर के शहजलालपुर के रहने वाले थे दोनों मृतक।
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केके स्पन फर्म कंपनी कर रही थी काम
जलकल विभाग के जीएम का कहना कि जल विभाग का काम नहीं चल रहा था। काम नगर निगम की ओर से कराया जा रहा था। सीवर (Sewer)लाइन का काम केके स्पन फर्म कंपनी कर रही थी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि फायर विभाग को सूचना मिली थी कि सीवर में सफाई कर्मी फंसे हुए हैं। इसके बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची और फेस मास्क पहनकर नीचे उतरी।
कार्यशैली पर उठ रहा सवाल
सीवर के अंदर से सफाई कर्मियों को रेस्क्यू करके निकाला गया। फिर अस्पताल भेजा गया। वहीं सफाई कर्मियों की मौत के कारण पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बिना ऑक्सीजन मास्क और सेफ्टी उपकरण के अभाव में कब तक सफाई कर्मियों की मौत होती रहेगी।