लखनऊ। अवैध संपत्तियों पर गरजता बुलडोजर और धार्मिक स्थलों में बजते लाउडस्पीकर इन दिनों उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देश में भी बहस का मुद्दा बने हैं। सरकार ने अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाना क्या शुरू किया, विरोधियों के सीने पर सांप लोटने लगे। कुछ दलों ने तो इसे मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का ही मुद्दा बना लिया। इसी बीच कुछ मुस्लिम संगठनों (Muslim organizations) ने कई बयान जारी कर प्रदेश फिजाओं में बह रही शांति की बयार को गर्म हवाओं के थपेड़ों में बदलने का काम शुरू कर दिया। पर, कल तक जो मुस्लिम संगठन(Muslim organizations) बड़े-बड़े बयान दे रहे थे, वे आज पत्र जारी कर यह कहते फिर रहे हैं कि उनके बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
अपने विवादित बयानों के लिए कुख्यात मौलाना तौकीर रजा ने धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देते हुए बुलडोजर और लाउडस्पीकर विवाद पर मोदी सरकार को चेतावनी तक दे डाली। उन्होंने कह दिया कि भारत में एक और महाभारत होने से कोई रोक नहीं सकता। यह बयान मीडिया में आया तो जनता ने इन्हें नकारने के काम शुरू कर दिया। इस पर मुस्लिम संगठनों ने अपनों बयानों पर सफाई देनी शुरू कर दी है। तौकीर ने बयान से पलटते हुए मोदी का गुणगान शुरू कर दिया है। कई मुस्लिम संगठनों ने अपने इस विभाजनकारी बयान से किनारा कर लिया। इस पर कई मौलानाओं ने बाकायदा एक पत्र जारी कर कहा कि मीडिया ने हमारे बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का काम किया है। हमने हमेशा से वतन में अमन शांति का माहौल बनाये रखने की बात कही है।
इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने हाल ही में दिये अपने एक बयान को मीडिया द्वारा गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। मोहतमिम नोमानी के मुताबिक उनके द्वारा अपने बयान में आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस) के लिए पूरी हिम्मत और ताकत दिखाने की बात कही गयी थी। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से अमन शांति, एकता और भाईचारे के पक्षधर रहे हैं। वहीं इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने पत्र जाहिर कर मीडिया पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि हमारे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। साथ ही हमारी छवि खराब करने का काम किया गया है।
जाहिर है मुस्लिम संगठनों के माफी मांगने के बाद से ही धार्मिक सियासत करने वाले सियासतदानों का चेहरा उतर गया है। इसके साथ ही जिन लोगों ने दिल्ली से लेकर यूपी तक धमकी भरे बयानों से माहे रमजान के पाक महीने को मई-जून की गर्मी बनाने की कोशिश की थी। उनकी ये सियासी तपिश पर पानी फिर गया है। यही नहीं देश की राजधानी में इन बयानों से भले ही दंगों की तस्वीर निकली हो लेकिन उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति का ही असर दिखा कि यहां दंगा करने की किसी में हिम्मत नहीं थी।