मॉस्को। यूक्रेन (Ukraine) ने बीती रात रूस की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में से एक पर बड़ा ड्रोन हमला किया, जिससे रिफाइनरी में बड़े पैमाने पर आग लग गई है। रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों ने इस हमले की पुष्टि की है। रूस के उत्तर-पश्चिमी लेनिनग्राद क्षेत्र में स्थित किरिशी रिफाइनरी को निशाना बनाना कोई नया नहीं है। इस हमले से हफ्तों पहले भी यूक्रेन ने रूसी तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया है।
इस रिफाइनरी को रूस की प्रमुख तेल कंपनी सर्गुतनेफ्तेगास की ओर से चलाया जाता था, जो हर साल लगभग 1.77 करोड़ मीट्रिक टन यानी हर दिन 3,55,000 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है। यूक्रेन (Ukraine) पर रूस बड़े पैमाने पर आक्रमण की शुरुआत किए जाने के तीन साल से भी ज़्यादा समय बाद ड्रोन दोनों पक्षों के लिए एक अहम हथियार बनकर उभरे हैं।
यूक्रेन के जनरल स्टाफ के मुताबिक घटनास्थल पर विस्फोट और आग लगने की सूचना मिली है। उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें रात के समय आसमान में आग की ऊंची लपटें और धुएं का गुबार दिखाई दे रही हैं।
ड्रोन हमलों का बढ़ रहा दायरा
क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर ड्रोज़्डेंको ने बताया कि किरिशी इलाके में रात भर में तीन ड्रोन गिराए गए, जिसके मलबे से प्रतिष्ठान में आग लग गई। उन्होंने कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ और आग बुझा दी गई। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रूस के कंट्रोल वाले क्रीमिया और पास के आज़ोव सागर के ऊपर रात भर में कम से कम 80 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए गए।
यूक्रेन (Ukraine) के हमलों के बाद रूस में गैसोलीन की कमी
रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक बना हुआ है, लेकिन मांग में वृद्धि और यूक्रेनी ड्रोन हमलों के कारण हाल के हफ्तों में गैसोलीन की कमी हो गई है। देश के कुछ इलाकों में फ्यूल स्टेशनों पर ईंधन की कमी हो गई है और वाहन चालकों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है। इस कमी को कम करने के कोशिश में रूस ने गैसोलीन के निर्यात पर रोक लगा दी है।
अधिकारियों ने 30 सितंबर तक पूर्ण प्रतिबंध और 31 अक्टूबर तक व्यापारियों और बिचौलियों को प्रभावित करने वाले आंशिक प्रतिबंध की बुधवार को घोषणा की है।