वाशिंगटन। यूक्रेन विवाद (Ukraine crisis) के बीच दुनिया की दो महाशक्तियां आमने-सामने हैं। ये विवाद इस स्तर तक पहुंच चुका है कि विश्व के सामने एक महायुद्ध के खतरे की आहट है। इस संकट की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने एक घंटे तक फोन पर बात की है।
दो राष्ट्राध्यक्षों के बीच इस कॉल पर काफी बातें हुईं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के व्लादिमीर पुतिन को समझाने के अंदाज में कहा कि यूक्रेन पर हमला करने से “व्यापक मानवीय हानि” होगी। हालांकि व्हाइट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार जो बाइडेन ने कहा कि इस संकट को खत्म करने के लिए पश्चिम कूटनीतिक रूप से के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन “अन्य हालात के लिए समान रूप से तैयार,” है।
घंटे भर बात हुई, मगर टेंशन कम नहीं हुआ
व्हाइट हाउस ने यह भी संकेत दिया है कि भले ही दो नेताओं के बीच घंटे भर बात हुई हो लेकिन इससे एक संभावित युद्ध का खतरा कम हो गया है, इसकी कोई संभावना नहीं दिखती है।
व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडेन ने रूस को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अगर क्रेमलिन ने अपने पड़ोसी पर हमला किया, तो संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी “निर्णायक रूप से जवाब देंगे और इसकी गंभीर कीमत चुकानी पड़ेगी।
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बता दें कि दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच ये बात तब हुई है जब बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन ने एक दिन पहले ही चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अमेरिकी खुफिया जानकारी से पता चलता है कि रूसी आक्रमण कुछ दिनों के भीतर शुरू हो सकता है खुफिया जानकारी के अनुसार ये आक्रमण बीजिंग में 20 फरवरी को विंटर ओलंपिक खत्म होने के पहले हो सकता है।
यूक्रेन को तीन तरफ से रूस ने घेरा
रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह यूक्रेन पर आक्रमण करने का इरादा रखता है, लेकिन रूस यूक्रेनी बॉर्डर के पास 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा कर उन्हें पूरी तैयारी के साथ तैनात कर चुका है। यही नहीं रूस ने पड़ोसी देश बेलारूस में अभ्यास करने के लिए अपने सैनिकों को भेजा है। सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार रूस यूक्रेन को तीन तरफ से घर चुका है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस की मारक क्षमता उस बिंदु पर पहुंच गई है जहां वह शॉर्ट नोटिस पर आक्रमण कर सकता है।
कोल्ड वार के बाद सबसे बड़ा संकट
बता दें कि पुतिन-बाइडेन के बीच ये बात तब हुई है जब यूक्रेन विवाद शीत युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा सुरक्षा संकट बन गया है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यूक्रेन में आक्रमण और भारी रक्तपात को रोकने के लिए उनके पास केवल कुछ दिन हैं।
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हालांकि अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों की रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन में सेना भेजने की कोई योजना नहीं है। लेकिन अगर अमेरिका और सहयोगी कुछ कदम उठाते हैं या रूस पर प्रतिबंध लगाते हैं तो इसकी गूंज बहुत आगे तक जा सकती है। इससे ऊर्जा आपूर्ति, वैश्विक बाजार और यूरोप में शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है।
पुतिन का रुख अबतक स्पष्ट नहीं
व्हाइट हाउस ने इस बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “राष्ट्रपति बाइडेन राष्ट्रपति पुतिन के साथ स्पष्ट थे कि संयुक्त राज्य अमेरिका कूटनीतिक प्रयासों में शामिल होने के लिए तैयार है, इसमें हमारे सहयोगी और भागीदारों के साथ भी पूर्ण समन्वय है, लेकिन हम अन्य परिदृश्यों के लिए समान रूप से तैयार हैं।”
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नाम न छापने की शर्त पर कॉल के बाद पत्रकारों को जानकारी देने वाले एक वरिष्ठ प्रशासन अधिकारी के अनुसार, कॉल “पेशेवर और वास्तविक” थी, लेकिन “मौजूदा हालात में कोई मौलिक परिवर्तन नहीं हुआ है”। अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस बातचीत के बाद पुतिन ने सैन्य कार्रवाई के साथ आगे बढ़ने का कोई अंतिम निर्णय लिया है या नहीं।