कीव। कीव की लड़ाई से पहले रूस यूक्रेन (Ukraine-Russia War) के दूसरे अहम शहर खारकीव (Kharkiv) को नष्ट करता दिख रहा है। यहां रूस का डबल अटैक हो रहा है। रूसी सेना की तरफ से यहां बमबारी पहले से जारी थी, लेकिन अब पैराट्रूपर्स को भी उतार दिया गया है, जिससे जंग भयानक रूप लेती जा रही है। खारकीव स्थित मिलिट्री अकादमी (Military Academy) और पुलिस विभाग के हेडक्वॉर्टर (Police Headquarter) पर भी हमला हुआ है।
कीव की न्यूज वेबसाइट Hromadske के मुताबिक, रूसी रॉकेट्स से खारकीव में स्थित मिलिट्री अकादमी को निशाना बनाया गया था, जिसकी वजह से लगी आग करीब 9 घंटे तक नहीं बुझाई जा सकी।
यूक्रेन के गृह मंत्रालय के सलाहकार Anton Gerashchenko ने दावा किया है कि खारकीव में रूसी मिसाइलों ने क्षेत्रीय पुलिस डिपार्टमेंट के दफ्तर पर हमला किया है। जारी वीडियो में दिख रहा है कि बिल्डिंग पूरी तरह ध्वस्त हो गई है और उसमें भी आग लगी है।
Ukraine-Russia War: युद्ध के सातवें दिन रूस ने शुरू किया यूक्रेनी शहरों पर कब्जा
इसके अलावा रूस के पैराट्रूपर्स को भी खारकीव में उतारा गया है। इसकी वजह से खारकीव की सड़कों पर अब आमने-सामने की लड़ाई हो रही है। खारकीव में एक स्थानीय हॉस्पिटल को भी रूसी जवानों ने निशाना बनाया था।
खारकीव-सुमी में अभी भी कई भारतीय मौजूद हैं। कर्नाटक के नवीन की भी मंगलवार को खारकीव में ही मौत हुई थी। आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, खारकीव में बुधवार को रूस की वायुसेना ने जबरदस्त बमबारी की। खारकीव के साथ-साथ सुमी पर भी हमला किया गया है। दोनों शहरों में पूरी रात सायरन की आवाज सुनी गई। दोनों ही जगहों पर भारतीय छात्र मौजूद हैं। यहां महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का लगातार शहर छोड़ने का क्रम जारी है। हालांकि, 25 से लेकर 50 साल तक के पुरुषों को शहर छोड़ने की आजादी नहीं है। रूसी हमलों के बीच यूक्रेन के लोग बेहद डरे हुए हैं। वे लोग किसी भी नए शख्स को शक की निगाहों से देखते हैं।
Ukraine-Russia War: कीव से निकल चुके है सभी भारतीय, विदेश सचिव ने दी जानकारी
यूक्रेन में जारी जंग के कारण उसके पड़ोसी देशों में शरणार्थी समस्या बढ़ गई है। रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के शरणार्थी कैंप में पहुंची आजतक की टीम को लोगों ने बताया कि यहां बिजली और पानी की शॉर्टेज है। बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस बात की तसल्ली है कि वे किसी तरह यूक्रेन बॉर्डर को पास कर रोमानिया पहुंच गए। यहां बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जो यूक्रेन से भारत में अपने घर जाने के लिए आए थे, लेकिन यहां वॉलंटियर बने लोगों का जज्बा देखकर खुद भी वॉलंटियर बन गए।