भोपाल। अयोध्या में 5 अगस्त को होने जा रहे राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती भावुक हैं। उन्होंने 12 सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए राम मंदिर आंदोलन के लिए किए गए संघर्ष को याद किया।
उमा भारती राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी 5 अगस्त को अयोध्या आ रही हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है।
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रविवार दोपहर उमा भारती ने एक के बाद एक 12 ट्वीट किए और राम जन्म भूमि तथा अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए किए गए संघर्ष को याद किया. इससे पहले उमा भारती ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया था कि राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें निर्देश दिया है कि वह 4 अगस्त की शाम तक अयोध्या पहुंच जाएं।
उमा भारती को 6 अगस्त तक अयोध्या में ही रहना है। आपको बता दें कि उमा भारती भी बाबरी विध्वंस केस में आरोपी हैं।
1.कल जब मुझे 4 अगस्त को अयोध्या जी पहुंचकर 6 तारीख तक वहां रहने का निर्देश राम जन्मभूमि न्यास की ओर से मिला तो मैंने आप सबसे इसकी जानकारी शेयर की। जानकारी देना इसलिए जरूरी लगा क्योंकि आप सब मुझसे निरंतर इस संबंध में प्रश्न कर रहे थे।
— Uma Bharti (@umasribharti) August 2, 2020
उमा भारती के 12 Tweets
1- ”कल जब मुझे 4 अगस्त को अयोध्या जी पहुंचकर 6 तारीख तक वहां रहने का निर्देश राम जन्मभूमि न्यास की ओर से मिला तो मैंने आप सबसे इसकी जानकारी शेयर की। जानकारी देना इसलिए जरूरी लगा क्योंकि आप सब मुझसे निरंतर इस संबंध में प्रश्न कर रहे थे।”
2- ”जानकारी व्यापक होने के बाद मीडिया जगत के मेरे सभी भाई बहन इंटरव्यू या बाइट लेने का आग्रह कर रहे हैं इस पर मेरा आप सबसे निवेदन है कि मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है कि मैंने अयोध्या अभियान में भागीदारी की है।”
3- ”अब मेरे जीवनकाल में ही मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो गया पूरे भारत वासियों की तरफ से हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी इसका शुभारंभ करेंगे। यह गर्व एवं आनंद का विषय है।”
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4- ”किंतु अयोध्या अभियान में स्वयं के किसी पराक्रम का उल्लेख करना मुझे शर्मिंदगी में डालता है क्योंकि 500 साल तक चले इस अभियान में लाखों लोगों के प्राणों की आहुति हुई है।”
5- ”पहले युद्ध हुए, फिर संघर्ष हुए, 1984 से अभियान चला तब भी इस दरम्यान बहुत ही कारसेवक शहीद हुए, कई परिवार नष्ट हो गए, कई जिंदगानियां खप गई उन्हीं सबका परिणाम है आंदोलन की गति कम नहीं हो पाई. इसलिए हमें उनका यश एवं उनका पराक्रम याद रखना है।”
9.हम प्रार्थना करें कि प्रभु श्री राम की जय हो क्योंकि वही इस अभियान के नायक हैं एवं हम सब यह कामना करें कि अब हमारे देश में राम राज्य की भी शुरुआत हो जहां सबको मानवाधिकार तथा सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिले।
— Uma Bharti (@umasribharti) August 2, 2020
6- ”हम उनके सामने कहीं नहीं ठहरते हम तो जिंदा रह गए और हमारे जीवन की गति आगे चली तथा इस अभियान के लाभ या हानि पार करके अब हम उस दिन अयोध्या में होंगे। यह मेरे जीवन का एक ऐसा क्षण होगा इसकी तुलना हजारों जिंदगानियों से भी नहीं की जा सकती।”
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7- ”विशेषज्ञों के द्वारा दी गई चेतावनी के अनुसार जुलाई एवं अगस्त में कोरोना महामारी अपना विकराल रूप धारण करती जा रही है ऐसी स्थिति में हम भले ही अयोध्या में हों किंतु शिलान्यास स्थल पर कौन लोग मौजूद होंगे यह अंतिम घड़ी तक स्पष्ट नहीं हो सकता।”
8- ”जैसे नदियां समुद्र में समा जाती हैं हम सब नरेंद्र मोदी जी में समा गए हैं उनकी शिलान्यास स्थल पर उपस्थिति ही हम सबकी उपस्थिति है।”
9.हम प्रार्थना करें कि प्रभु श्री राम की जय हो क्योंकि वही इस अभियान के नायक हैं एवं हम सब यह कामना करें कि अब हमारे देश में राम राज्य की भी शुरुआत हो जहां सबको मानवाधिकार तथा सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिले।
— Uma Bharti (@umasribharti) August 2, 2020
9- ”हम प्रार्थना करें कि प्रभु श्री राम की जय हो क्योंकि वही इस अभियान के नायक हैं एवं हम सब यह कामना करें कि अब हमारे देश में राम राज्य की भी शुरुआत हो जहां सबको मानवाधिकार तथा सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिले।”
10- ”मेरे जितने भी लोग परिचित हैं वह जहां है यदि मेरे इस ट्वीट को पढ़ रहे हैं तो उन सब से मेरी अपील है कि सब अपने अपने घर से ही इस आनंद के पर्व में भागीदारी करें।”
10. मेरे जितने भी लोग परिचित हैं वह जहां है यदि मेरे इस ट्वीट को पढ़ रहे हैं तो उन सब से मेरी अपील है कि सब अपने अपने घर से ही इस आनंद के पर्व में भागीदारी करें।
— Uma Bharti (@umasribharti) August 2, 2020
11- ”मैं भारत के हिंदुओं के अलावा सभी धर्मावलंबियों से अनुरोध करूंगी कि यह सब के लिए ही शांति एवं आनंद का क्षण है यही भारत में एकात्मता की शुरुआत होगी। “एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति” अर्थात्, सत्य एक है, जिसे विद्वान विभिन्न नामों से बुलाते हैं।”
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12- ”इसलिए हरेक की भावना का सम्मान एवं प्रतिष्ठा हो यही हमारा संविधान कहता है एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 9 नवंबर, 2019 को इसकी पुष्टि कर दी है।”