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धर्मांतरण के आरोपी उमर की एनजीओ 7 वर्ष पुरानी, रोहिंग्या संरक्षण की संभावना

maulana omar

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उत्तर प्रदेश एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (यूपी एटीएस) के धर्मांतरण की गतिविधियों में लिप्त मिले उमर गौतम और उसके साथी की गिरफ्तारी के बाद अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन नामक एनजीओ की जानकारी एटीएस के अधिकारियों को लगी। एटीएस की जांच में सामने आया है कि यह एनजीओ 07 वर्ष पुरानी है और इसका रजिस्ट्रेशन 24 फ़रवरी 2014 को सोसायटी एक्ट में हुआ था।

अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन नामक एनजीओ के गतिविधियों की जानकारी जुटाने में लगी यूपी एटीएस की टीम ने बैंक डिटेल, खाता संबंधित डिटेल, कंप्यूटर लैपटॉप और फाइलों से मिली डिटेल को एकत्रित किया है। इसमें दूसरे देश से बड़ी रकम मंगाने की जानकारी सामने आई है।

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को बढ़ावा देने और विभिन्न असामाजिक गतिविधियों को चलाने को लेकर कुमार गौतम से पूछताछ जारी है। प्रदेश में रोहिंग्या के संरक्षण को लेकर के भी पूछताछ की जा रही है, संभावना जतायी गयी है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर घुसपैठ कर चुके रोहिंग्या को संरक्षण देने वाले नेटवर्क से भी उमर के तार जुड़ सकते हैं।

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एनजीओ के अध्यक्ष इकबाल अहमद नदवी और अन्य पदाधिकारी एवं सदस्यों से भी यूपी एटीएस पूछताछ कर सकती है। इस एनजीओ में फंडिंग कराने के लिए देश के विभिन्न शहरों में एजेंटों के फैले होने की भी संभावना जताई जा रही है।

बता दें कि लखनऊ में मलिहाबाद थाना क्षेत्र के रहमान खेड़ा इलाके के अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन एनजीओ के स्कूल पर यूपी एटीएस के अधिकारियों ने छापा मारकर पड़ताल शुरू की थी। हरदोई जिले के रसूलपुर में भी एनजीओ के एक बालिका स्कूल की जानकारी निकल कर आई थी।

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